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Ghasyariyon ke geet bajuband

By: Material type: TextTextPublication details: Dehradun Samay sakshay 2017Description: 86 pISBN:
  • 978818681020-X
Subject(s): DDC classification:
  • UK 398.204 GHA
Summary: बाजूबन्द पहाड़ की महिलाओं के व्यथा कथा के गीत हैं। इन्हें गढ़वाल में बाजू, जंगू, दोहा या दुवा भी कहा जाता है। बाजूबन्द गीतों में पहाड़ की महिलाओं का दुःख, दर्द, पीड़ा, खुद, विपदा, वियोग व विरह समाया हुआ है। बाजूबन्द गीत मुख्य रूप से घसियारी व चरवाहा महिलाओं द्वारा जंगलों में घास काटने के दौरान रचे जाते हैं। अधिकांश बाजूबन्द खुदेड़ व विरह गीतों के रूप में हैं। जंगलों में गाए जाने के कारण इन्हें जंगु भी कहा जाता है।
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बाजूबन्द पहाड़ की महिलाओं के व्यथा कथा के गीत हैं। इन्हें गढ़वाल में बाजू, जंगू, दोहा या दुवा भी कहा जाता है। बाजूबन्द गीतों में पहाड़ की महिलाओं का दुःख, दर्द, पीड़ा, खुद, विपदा, वियोग व विरह समाया हुआ है। बाजूबन्द गीत मुख्य रूप से घसियारी व चरवाहा महिलाओं द्वारा जंगलों में घास काटने के दौरान रचे जाते हैं। अधिकांश बाजूबन्द खुदेड़ व विरह गीतों के रूप में हैं। जंगलों में गाए जाने के कारण इन्हें जंगु भी कहा जाता है।

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