Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

wah! vietnam

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: Dehradun, Samay sakshay 2021.Description: 144 pISBN:
  • 9789390743476
DDC classification:
  • H 959.7 UPA
Summary: वाह! वियतनाम। इस किताब को पूरा पढ़ लेने के बाद वियतनाम एक अपरिचित देश नहीं रह जाता है। यह पुस्तक यात्रा प्रेमियों के लिए एक सौगात है।कोई भी व्यक्ति जब विदेश यात्रा करता है तो उसे बहुत सी चीजें देखने को मिलती हैं। लेकिन एक पत्रकार जब यात्रा करता है तो उन चीजों में रोचकता देख लेता है। यात्रा वृतांत लिखना मुश्किल काम नहीं है, लेकिन यात्रा वृत्तांत को रोचकता के साथ लिखना आसान भी नहीं है। कई यात्रा वृतांत ऐसे होते हैं जो पढ़ने वाले को भी साथ-साथ यात्राएं करा देते हैं। विएतनाम यात्रा पर लेखक डॉ. सुशील उपाध्याय और डॉ. योगेश योगी की यह पुस्तक भी ऐसा ही वृतांत है जिसको पढ़ते-पढ़ते यात्रा करने का भी की भी अनुभूति होगी। डॉ. सुशील उपाध्याय और डॉ. योगेश योगी की विएतनाम यात्रा किताब के रूप में आप सबके सामने हैं। इन्होंने विएतनाम में जो कुछ देखा, समझा और महसूस किया, वह सब इस किताब में समेटने की कोशिश की है। दोनों लोगों ने निरपेक्ष ढंग से अपनी बात कहने का प्रयास किया है। जिन पाठकों की रुचि यात्रा संस्मरण में है। जो विएतनाम को देखना, समझना चाहते हैं, उनके लिए यह किताब उपयोगी साबित होगी।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)

वाह! वियतनाम। इस किताब को पूरा पढ़ लेने के बाद वियतनाम एक अपरिचित देश नहीं रह जाता है। यह पुस्तक यात्रा प्रेमियों के लिए एक सौगात है।कोई भी व्यक्ति जब विदेश यात्रा करता है तो उसे बहुत सी चीजें देखने को मिलती हैं। लेकिन एक पत्रकार जब यात्रा करता है तो उन चीजों में रोचकता देख लेता है। यात्रा वृतांत लिखना मुश्किल काम नहीं है, लेकिन यात्रा वृत्तांत को रोचकता के साथ लिखना आसान भी नहीं है। कई यात्रा वृतांत ऐसे होते हैं जो पढ़ने वाले को भी साथ-साथ यात्राएं करा देते हैं। विएतनाम यात्रा पर लेखक डॉ. सुशील उपाध्याय और डॉ. योगेश योगी की यह पुस्तक भी ऐसा ही वृतांत है जिसको पढ़ते-पढ़ते यात्रा करने का भी की भी अनुभूति होगी।
डॉ. सुशील उपाध्याय और डॉ. योगेश योगी की विएतनाम यात्रा किताब के रूप में आप सबके सामने हैं। इन्होंने विएतनाम में जो कुछ देखा, समझा और महसूस किया, वह सब इस किताब में समेटने की कोशिश की है। दोनों लोगों ने निरपेक्ष ढंग से अपनी बात कहने का प्रयास किया है। जिन पाठकों की रुचि यात्रा संस्मरण में है। जो विएतनाम को देखना, समझना चाहते हैं, उनके लिए यह किताब उपयोगी साबित होगी।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha