Uttarakhand ka parwatiya samaj aur badalta aarthik paridrishy
Material type:
- 9789390743063
- UK 338.9 KUK
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | UK 338.9 KUK (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168314 |
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समय की नब्ज पकड़ कर उसे पढ़ने, समझने और बांचने की सराहनीय कोशिश है 'तीन दशक के अंतराल की दो शोध यात्राएं- उत्तराखंड का पर्वतीय समाज और बदलता आर्थिक परिदृश्य ।' यह विचार ही रोमांचित कर देता है कि इस साझा पुस्तक के दोनों शोध यात्रियों डा. अरुण कुकसाल तथा श्री चंद्रशेखर तिवारी ने साथियों संग तीस वर्ष पूर्व पहाड़ के 76 दुर्गम गांवों की कठिन यात्रा की और उन्हीं गांवों के जन-जीवन तथा सामाजिक और आर्थिक अध्ययन के लिए तीन दशक के बाद पुनः यात्रा की। तीस वर्षों के विस्तृत कालखंड में पुनर्यात्रा करके गांवों के बदले हुए। परिदृश्य को देखना और पहाड़ के उन गावों में तथाकथित विकास के चेहरे को सामने रखना यायावर लेखकद्वय की कठिन यात्राओं का असली हासिल है। इन यात्राओं के संस्मरणों को पढ़ना पहाड़ की बहुत करीब से समझना तो होगा ही, शोधार्थियों के लिए भी यह पुस्तक महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
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