Siyasat-e-Uttarakhand
Material type:
- 9789388165150
- UK 320.5451 UPR
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | UK 320.5451 UPR (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168283 |
इस पुस्तक के सभी पात्र अपने हैं, असली हैं, उनके नाम भी असली हैं उनसे अपनत्व का गिला, कृतज्ञता भर है यह पुस्तक। अपने पूरे वजूद से लिख रहा हूं मैं यह हिमालय, उत्तराखंड मैं खुद हूं, बनने की प्रक्रिया में हूं। अपना दुःख, दर्द सबसे बड़ा होता है इसलिए लिख क्या रहा हूं अपनी दर्द पीड़ा, घाव लिख रहा हूं। मैंने पढ़ा बहुत नहीं है पर जिंदगी और राजनीति को अपने दिमाग के अनुसार आवजर्ब खूब किया है और पाया है राजनीति आदम की सबसे बड़ी वासनाओं और खूबी में है। लिखना भी एक वासना है। वह लिख समझ रहा हूं जिसमें आप सब शामिल हैं।
यह पुस्तक पत्रकार जगमोहन रौतेला, एडवोकेट नवीन पनेरू, विभिन्न पत्रिकाओं यथा पर्वत जन, युगवाणी, पहाड़, पर्वतीय टाइम्स, हिमालय मस्तक, रीजनल रिपोर्टर, मध्य हिमालय आदि व डॉ. योगेश धस्माना की पुस्तक, दिवंगत आनन्द बल्लभ उप्रेती व अन्य लेखकों के मैटर से टीपी है, मेरी तो बस अभिव्यक्ति है। प्रकाशित करने के लिए प्रेरित समय साक्ष्य देहरादून प्रवीन कुमार भट्ट की छाप डालने की आशा से दौड़ी है। यह किसी पर इल्जाम नहीं लगाती उसके समाज को दिये या लिये भाग को दिखाने का प्रयास करती है।
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