Bargad jo ped nahin
Material type:
- 9789386452276
- H 891.43 PRA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H 891.43 PRA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168352 |
ये कविताएँ सन् 1960 से 2010 तक के पचास वर्षों में जिये गये समय को परिभाषित करने का प्रयत्न करती हैं। यहाँ कवि स्वयं को भी निर्ममता से परखता है। अक्सर यह देखा गया है कि अपने समय और समाज की बात करते समय, अधिकांश कवियों की कविताओं में उपदेश और शिकायत का स्वर अधिक उभर आता है।
इन कविताओं की यह अन्यतम विशेषता है कि यहाँ 'यह होना चाहिए' की टोन पूर्णतया अनुपस्थित है। न ही कवि को जीवन से बहुत शिकायत है न ही असंतोष का स्वर अधिक मुखर है। इन कविताओं में सहज आत्मीय संवाद है।
There are no comments on this title.