Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Bandayo ki chitthi : paryavaran aur siksha ki das baal naatika

By: Material type: TextTextPublication details: Dehradun Samay Sakshay 2018Edition: 1st edDescription: 39 pISBN:
  • 9789386452795
Subject(s): DDC classification:
  • J CHA U
Summary: जग-जगा मिल्यां शिलालेख अर हौर प्रमाण बतलौन्दन बल गढ़वळि लोकभाषा कबि राजभाषा रै छै । आज गढ़वळि भाषा मां बिज्यां साहित्य रचे जाणू छ । गढ़वाळि मां गीत, कविता, उपन्यास, खण्डकाव्य जना विधाओं पर काम कर्न वाळा साहित्यकारों मां एक नौं छ डॉ. उमेश चमोला। डॉ उमेश चमोलान अबि तलक उमाळ (खण्डकाव्य), पथ्यला (गीत अर कविता संग्रहौ), पड़वा बल्द (व्यंग्य), उपन्यास (निरबिजु अर कचाकि), लोक कथा संग्रहौ जन किताबि लेखी अर गौं मां (ऑडियो कैसिट) निकाळी गढ़वाळि साहित्य कु कुठार भरि । गढ़वाळि मां बालसाहित्य जना तिर्ययां क्षेत्र मां भी डॉ. चमोलान अपिणि लेखिनि चलै । येकु उदारण छ नानतिनो कि सजोळि जै मां डॉ चमोला का लिख्यां 25 गढ़वाळि अर विनीता जोशी कि 25 कुमांउनी बालकविता सामिल छन यो गढ़वाळि अर कुमाउनी मां बाल कवितों कु पैलु संयुक्त संकलन मान्ये जान्दु। अब डॉ. उमेश चमोला नानतिन्वां वास्ता पर्यावरण अर शिक्षा कि दस बाल नाटिका ‘बणद्यो कि चिट्ठि' लेक हमारा बीच अयां छन।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)

जग-जगा मिल्यां शिलालेख अर हौर प्रमाण बतलौन्दन बल गढ़वळि लोकभाषा कबि राजभाषा रै छै । आज गढ़वळि भाषा मां बिज्यां साहित्य रचे जाणू छ । गढ़वाळि मां गीत, कविता, उपन्यास, खण्डकाव्य जना विधाओं पर काम कर्न वाळा साहित्यकारों मां एक नौं छ डॉ. उमेश चमोला। डॉ उमेश चमोलान अबि तलक उमाळ (खण्डकाव्य), पथ्यला (गीत अर कविता संग्रहौ), पड़वा बल्द (व्यंग्य), उपन्यास (निरबिजु अर कचाकि), लोक कथा संग्रहौ जन किताबि लेखी अर गौं मां (ऑडियो कैसिट) निकाळी गढ़वाळि साहित्य कु कुठार भरि । गढ़वाळि मां बालसाहित्य जना तिर्ययां क्षेत्र मां भी डॉ. चमोलान अपिणि लेखिनि चलै । येकु उदारण छ नानतिनो कि सजोळि जै मां डॉ चमोला का लिख्यां 25 गढ़वाळि अर विनीता जोशी कि 25 कुमांउनी बालकविता सामिल छन यो गढ़वाळि अर कुमाउनी मां बाल कवितों कु पैलु संयुक्त संकलन मान्ये जान्दु। अब डॉ. उमेश चमोला नानतिन्वां वास्ता पर्यावरण अर शिक्षा कि दस बाल नाटिका ‘बणद्यो कि चिट्ठि' लेक हमारा बीच अयां छन।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha