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Seemant janpad Pithoragarh ithash aur sanskriti

By: Material type: TextTextPublication details: Dehradun Samay sakshay 2021.Description: 293 pISBN:
  • 978-93-90743-79-7
Subject(s): DDC classification:
  • UK 954.51 BAL
Summary: इस जनपद की गहन घाटियों, कंदराओं और शैल शृंगों में प्राचीनकाल में देव, दानव, यक्ष, किन्नर, सिद्ध, गंदर्भ, नाग, ऋषि आदि का निवास स्थल रहा है। अनंतकाल से शिव-पार्वती के निवास कैलास-मानसरोवर को जाने वाले श्रद्धालु पिथौरागढ के मध्य से होकर गुजरते रहे हैं। जिससे इस मार्ग में अनेक स्थानों पर तीर्थो और विश्रामालयों की स्थापना हुई। भगवान राम द्वारा सरयू और रामगंगा के संगम स्थल पर स्थापित रामेश्वर घाट एवं हाट कालिका ऐसे ही तीर्थ हैं। श्रद्धालुओं में इनके प्रति भारी मान्यता है। यहां के शौका तथा राजी जनजातियों को सबसे प्राचीन व मूल निवासी बताया जाता है। इनकी सांस्कृतिक विशेषताएं आज भी प्राचीन रूप में विद्यमान हैं।
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इस जनपद की गहन घाटियों, कंदराओं और शैल शृंगों में प्राचीनकाल में देव, दानव, यक्ष, किन्नर, सिद्ध, गंदर्भ, नाग, ऋषि आदि का निवास स्थल रहा है। अनंतकाल से शिव-पार्वती के निवास कैलास-मानसरोवर को जाने वाले श्रद्धालु पिथौरागढ के मध्य से होकर गुजरते रहे हैं। जिससे इस मार्ग में अनेक स्थानों पर तीर्थो और विश्रामालयों की स्थापना हुई। भगवान राम द्वारा सरयू और रामगंगा के संगम स्थल पर स्थापित रामेश्वर घाट एवं हाट कालिका ऐसे ही तीर्थ हैं। श्रद्धालुओं में इनके प्रति भारी मान्यता है।

यहां के शौका तथा राजी जनजातियों को सबसे प्राचीन व मूल निवासी बताया जाता है। इनकी सांस्कृतिक विशेषताएं आज भी प्राचीन रूप में विद्यमान हैं।

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