Dalit patrakarita : vartmaan dasha aur disha
Material type:
- 9788194608356
- H 302.230954 DAL
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 302.230954 DAL (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168263 |
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H 302.230954 Bharatiya media aur jansanchar | H 302.230954 Media or manavadhikar | H 302.230954 BHA Jeevan parivartan ka bemishal manch kalyaani | H 302.230954 DAL Dalit patrakarita : | H 302.230954 GAT Media aur samajik badlav : tulnatmak paripekshya mein bhumandaliya manavadhikar | H 302.230954 JAN Jansanchar Samitiya Ayog avam Media Sansthaye/ edited by Sunil Ghodke | H 302.230954 JAN Jansanchar samitiyan aayog evam media sansthayein |
दलित पत्रकारिता के उदय की कहानी बहुत पुरानी है। डा० भीमराव अम्बेडकर के जन्म से बहुत पहले दलित पत्रकारिता का जन्म हो चुका था। उस युग में एकमात्र पत्रकार व्यक्ति ज्योतिबा फुले का ही नाम आता है। जिनकेद्वारादलित पत्रकारिता के लिए मौलिक व आधारभूत कार्य किया गया। "पहले दलित पत्रकार गोपाल बाबा बलंकर थे। वे कोकण महाड के करीब रावदक गाँव के निवासी थे। वे 1886 में फौज से अवकाश प्राप्त कर चुके थे। उन्होंने 23 अक्टूबर 1888 में 'विटाल विध्वंसन' (अछूतपन का विनाश) नाम की एक किताब लिखी।"। इतना ही नहीं सबसे पहले हिन्दी में सन् 1905 ई0 में 'अछूत' पत्रिका का प्रकाशन दिल्ली से स्वामी अछूतानन्द हरिहर द्वारा किया गया।
हिन्दी दलित पत्रकारिता के इतिहास की अगर बात की जाए तो इसे लगभग 100 वर्शो से भी ज्यादा पुराना माना जाता है। सन् 1959ई0 में सोहन लाल ॥स्त्र के प्रयास से 'उत्थान' नामक मासिक पत्रिता से दलित पत्रकारिता की शुरुआत हुई। यह पत्रिका दिल्ली से निकलती थी। यह पत्रिका डा० भीमराव अम्बेडकर के विचारों को घर-घर तक पहुँचाने का कार्य करती थी। यह समय ऐसा था जिसमें पाठक कम व श्रोता अधिक थे। क्योंकि उस समय दलित समाज के लोग ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे।
भारतीय दलित एकादमी की स्थापना सोहनपाल सुमनाक्षर के द्वारा की गयी। 14 अप्रैल 1962 में 'हिमायती' नामक पत्रिका की शुरूआत इसी अकादमी द्वारा हुई 15 सितम्बर 1968 को विमला चौधरी ने पहाड़गंज से 'बुद्ध घोष' नामक साप्ताहिक पत्र निकाला। "भीम संदेश' का प्रवेशांक 14 अप्रैल 1969 में एन०एस० बनाफल के सम्पादन में आया। इस पत्रिका का प्रमुख उद्देश्य अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठाना था। इस क्रम में 'समता सैनिक समाचार पत्र भगवान दास एडवोकेट ने सन् 1970 में निकाला।
70 के दशक में 'धम्म दर्पण मासिक पत्रिका की शुरूआत भारतीय बौद्ध महासभा के द्वारा की गयी। इसी समय बिहारी लाल हरित ने जय भीम का नारा दिया। ये शहादरा के रहने वाले थे। 'सम्यक समाज' पत्र जनवरी 1973 में सांसद एन०एच० कुम्भारे ने निकाला। 'दलित' समाचार पत्र को 14 अप्रैल 1975 में सतीश चन्द्र ने निकाला। दलित समाज को जागरूक करने के लिए बाबूराव पाखिडे ने 1977 में 'युग उत्पीड़न' नामक मासिक पत्र निकाला। 'काला भारत' समाचार पत्र अक्टूबर 1978 में के०एस० गौतम ने निकाला। इस बीच अम्बेडकर नगर से 'संघ प्रकाश' नामक मासिक पत्रिका का सम्पादन भिक्षु प्रज्ञारत्न ने किया।
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