Gramin vikas yojana
Material type:
- 9789386319739
- H 307.1 PAT
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 307.1 PAT (Browse shelf(Opens below)) | Checked out to Narmada Hostel OT Launge (NARMADA) | 2023-09-29 | 168241 |
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H 307 DUB 3rd. ed. Maanav aur sanskriti | H 307 GAJ Bhartiya samaj aur samajik samsyaen | H 307 RED Laghu samuday | H 307.1 PAT Gramin vikas yojana | H 307.1 SHU Aadhiwas Bhugol | H 307.14120954 KAL Khushhaal va samriddha vishwa | H 307.14120954 SAV Grameen vikas karyakram |
भारत आजादी के समय से ही कल्याणकारी देश रहा है और सभी सरकारी प्रयासों का मूलभूत उद्देश्य देश की जनता का कल्याण करना रहा है। स्वतंत्रता के पश्चात् ग्रामीण विकास के लिए विविध कार्यक्रमों, योजनाओं, पंचावार्षिक योजनाओं के माध्यम से किये गये विकास कार्यों का मूल्यांकन से स्पष्ट होता है कि विभिन्न योजनागत कार्यक्रमों के अंतर्गत, अपेक्षित रूप से अधिक विकसित जनसंख्या समूह और अधिक विकसित हुआ है, जबकि विस्तृत ग्रामीण क्षेत्र का संरचनात्मक परिवर्तन तो हुआ है, किन्तु पर्याप्त नहीं है, क्योंकि विभिन्न विकास कार्यक्रमों के तहत प्रदत्त सुविधायों का लाभ देश में व्याप्त सामाजिक, आर्थिक विषमता, सामन्तवाद और जमीवारी के अवशेषों का होना, राजनीतिज्ञ, अफसरशाही एवं प्रजातात्रिक संस्थाओं में अवैधानिक प्रतिनिधित्व, जाति, धर्म, परिवारवाद माफिया इत्यादि का प्रभाव होने के कारण लगभग 80 प्रतिशत तक का लाभ कुलीन वर्ग को ही मिला है।
यहरुमारा दुर्भाग्य या विडम्बना ही है कि हमें इन योजनाओं से आशातीत सफलता उपलब्ध नहीं हो सकी है। हम अभी भी देश के ग्रामीण को ये मूलभूत सुविधा सड़क, बिजली, समुचित शिक्षा, चिकित्सा, सड़क एवं शुद्धपेयजल, वैज्ञानिक, तकनीकी एवं औद्योगिक समृद्धि का समुचित लाभ, उन्हें आजादी के 67 वर्ष बाद भी उपलब्ध नहीं करा पाये हैं, जो उन्हें हरहाल में मिलना ही चाहिए।
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