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Dr Babasaheb Bheemrao Ambedkar

By: Material type: TextTextPublication details: Jaipur S.S. book 2019Description: 247 pISBN:
  • 9788192704616
Subject(s): DDC classification:
  • H 954.035 VAG
Summary: भीमराव रामजी अम्बेडकर बाबा साहेब के नाम से लोकप्रिय भारतीय विधियेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों के खिलाफसामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री एवं भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। अम्बेडकर विपुल प्रतिभा का छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लन्दन स्कूल ऑफइकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की जीवन के प्रारम्भिक कैरियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम् रकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। सामाजिक समानता के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे। आम्बेडकर ने 'ऑल इण्डिया क्लासेस एसोसिएशन का संगठन किया दक्षिण भारत में बीसवीं शताब्दों के तीसरे दशक में गैर-ब्राह्मणों ने 'दि सेस रेस्पेक्ट मूवमेंट प्रारम्भ किया जिसका उद्देश्य उन भेदभावों को दूर करना था जिन्हें ब्राह्मणों ने उन पर थोप दिया था सम्पूर्ण भारत में दलित जाति के लोगों ने उनके मन्दिरों में प्रवेश निषेध एवं इस तरह के अन्य प्रतिबंधों के विरुद्ध अनेक आन्दोलनों का सूत्रपात किया। परन्तु विदेशी शासन काल में अस्पता विरोधी संघर्ष पूरी तरह से फल नहीं हो पाया। विदेशी शासकों को इस बात का भय था कि ऐसा होने से समाज का परम्परावादी एवं रूढ़िवादी वर्ग उनका विरोधी हो जाएगा। अतः क्रान्तिकारी समाज सुधार का कार्य केवल स्वतन्त्र भारत को सरकार ही कर सकती थी। पुनः सामाजिक पुनरुद्वार की समस्या राजनीतिक एवं आर्थिक पुनरुद्वार की समस्याओं के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी। जैसे, दलितों के सामाजिक पुनरुत्थान के लिए उनका आर्थिक पुनरुत्थान आवश्यक था। इसी प्रकार इसके लिए उनके बीच शिक्षा का प्रसार और राजनीतिक अधिकार भी अनिवार्य थे।
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भीमराव रामजी अम्बेडकर बाबा साहेब के नाम से लोकप्रिय भारतीय विधियेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और दलितों के खिलाफसामाजिक भेद भाव के विरुद्ध अभियान चलाया। श्रमिकों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री एवं भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे। अम्बेडकर विपुल प्रतिभा का छात्र थे। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लन्दन स्कूल ऑफइकोनॉमिक्स दोनों ही विश्वविद्यालयों से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने विधि, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के शोध कार्य में ख्याति प्राप्त की जीवन के प्रारम्भिक कैरियर में वह अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे एवम् रकालत की। बाद का जीवन राजनीतिक गतिविधियों में बीता। 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया।

सामाजिक समानता के लिए वे सदैव प्रयत्नशील रहे। आम्बेडकर ने 'ऑल इण्डिया क्लासेस एसोसिएशन का संगठन किया दक्षिण भारत में बीसवीं शताब्दों के तीसरे दशक में गैर-ब्राह्मणों ने 'दि सेस रेस्पेक्ट मूवमेंट प्रारम्भ किया जिसका उद्देश्य उन भेदभावों को दूर करना था जिन्हें ब्राह्मणों ने उन पर थोप दिया था सम्पूर्ण भारत में दलित जाति के लोगों ने उनके मन्दिरों में प्रवेश निषेध एवं इस तरह के अन्य प्रतिबंधों के विरुद्ध अनेक आन्दोलनों का सूत्रपात किया। परन्तु विदेशी शासन काल में अस्पता विरोधी संघर्ष पूरी तरह से फल नहीं हो पाया। विदेशी शासकों को इस बात का भय था कि ऐसा होने से समाज का परम्परावादी एवं रूढ़िवादी वर्ग उनका विरोधी हो जाएगा। अतः क्रान्तिकारी समाज सुधार का कार्य केवल स्वतन्त्र भारत को सरकार ही कर सकती थी। पुनः सामाजिक पुनरुद्वार की समस्या राजनीतिक एवं आर्थिक पुनरुद्वार की समस्याओं के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी। जैसे, दलितों के सामाजिक पुनरुत्थान के लिए उनका आर्थिक पुनरुत्थान आवश्यक था। इसी प्रकार इसके लिए उनके बीच शिक्षा का प्रसार और राजनीतिक अधिकार भी अनिवार्य थे।

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