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Hindi sahitya aura Bauddha dharma

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Swaraj prakashan 2020.Description: 145 pISBN:
  • 9789388891776
Subject(s): DDC classification:
  • H 891.4309 SHA
Summary: भारत बहुत से धर्मों का देश है। यहाँ हर धर्म का पूरा सम्मान है। बौद्ध धर्म भारत में पनपा और फैला तथा यहाँ तक बढ़ा कि उसकी गूंज सुदूर एशियाई देशों तक में सुनाई पड़ने लगी। कितने ही देश इस गूंज से जागरण की ओर बढ़े। वैदिक ब्राह्मण-धर्म के विपरीत बौद्ध संघर्ष में एक क्रांति का ही रूप ले लिया था। लेकिन उसकी शिक्षाएँ और सिद्धांत कालांतर में धूमिल हो गये। वे शिक्षाएँ आज भी उतनी सजीव और प्रासंगिक हैं। पंचशील के सिद्धांतों ने नेहरू जी के नेतृत्व में एक गंभीर भूमिका गुट निरपेक्ष आंदोलन को विकसित करने में निवाही थी। आज उन सिद्धांतों की जरूरत और भी बढ़ती जा रही है। दलिलों के संदर्भ में विशेषकर क्योंकि अंबेडकर साहब ने बुद्ध-वाणी को जैसा समझा था, वह दलिलों की वर्तमान राजनीति में प्रतिफलित होती नहीं दिखाई देती।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 891.4309 SHA (Browse shelf(Opens below)) Checked out to Ganga Hostel OT Launge (GANGA) 2023-09-28 168171
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भारत बहुत से धर्मों का देश है। यहाँ हर धर्म का पूरा सम्मान है। बौद्ध धर्म भारत में पनपा और फैला तथा यहाँ तक बढ़ा कि उसकी गूंज सुदूर एशियाई देशों तक में सुनाई पड़ने लगी। कितने ही देश इस गूंज से जागरण की ओर बढ़े। वैदिक ब्राह्मण-धर्म के विपरीत बौद्ध संघर्ष में एक क्रांति का ही रूप ले लिया था। लेकिन उसकी शिक्षाएँ और सिद्धांत कालांतर में धूमिल हो गये।

वे शिक्षाएँ आज भी उतनी सजीव और प्रासंगिक हैं। पंचशील के सिद्धांतों ने नेहरू जी के नेतृत्व में एक गंभीर भूमिका गुट निरपेक्ष आंदोलन को विकसित करने में निवाही थी। आज उन सिद्धांतों की जरूरत और भी बढ़ती जा रही है। दलिलों के संदर्भ में विशेषकर क्योंकि अंबेडकर साहब ने बुद्ध-वाणी को जैसा समझा था, वह दलिलों की वर्तमान राजनीति में प्रतिफलित होती नहीं दिखाई देती।

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