Visvaki sarvottam prerak kahaniya
Material type:
- 9788184955972
- H XAV G
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H XAV G (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168216 |
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H WEL H Kaal ki kal / tr. by Malchand Tiwari | H WIL O Apni Chhayaa | H XAV G Vishwa ki sarvottam prerak kahanyian | H XAV G Visvaki sarvottam prerak kahaniya | H ʸ�� ʸ�� �� ������ڡ | H YAD Suno jayanti | H YAD Shyahi ki gamak |
विख्यात प्रेरक डॉ. जी. फ्रांसिस ज़ेवियर, जिनके व्यक्तिगत विकास कार्यक्रम लोगों से खचाखच भरे रहते हैं, ने हमारे लिए ये कहानियां उन देशों और पुस्तकों से चुन-चुनकर इकट्ठी की हैं, जहां वे गए और जिन्हें उन्होंने पढ़ा।
ये कहानियां कुछ इस तरह लिखी गई हैं, मानों लेखक और पाठकों के बीच संवाद हो रहा हो। हर कहानी में लेखक पाठकों से विचारोत्तेजक प्रश्न करते हैं और में उनके उत्तर भी प्रस्तुत करते हैं। यह पुस्तक अवसादग्रस्त, नकारात्मक मनःस्थिति और पढ़ने के विरोधी लोगों को छोड़कर सभी उपदेशकों, वक्ताओं, शिक्षकों और हर उम्र के पाठकों को बहुत पसंद पड़ेगी। यह पुस्तक आरंभ से अंत तक प्रेरक और गुदगुदाती रहनेवाली कहानियां तथा उद्धरण प्रस्तुत करने का वादा करती है।
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