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Meri ansuni kahani (Devil's advocate: the untold story)

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: Bhopal Manjul 2019Description: 191 pISBN:
  • 9789388241724
Subject(s): DDC classification:
  • H 070.92 THA
Summary: करण थापर को उड़ान भरना सिखाने की कोशिश के बाद संजय गांधी ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और कई तरह के हवाई करतब दिखाए, जो खतरनाक तो नहीं थे पर बेहद रोमांचक थे। जब वे दिल्ली से काफ़ी दूर आ गए, तब वे और भी साहसी बन गए। उन्होंने सोचा कि नीचे खेतों में काम कर रहे किसानों को विमान से सीधे निशाना साध कर डराया जाए। जैसे ही उन्होंने नीचे की ओर गोता लगाया, तो किसान जान बचाने के लिए घबरा कर इधर-उधर भागने लगे। आख़िर में संजय नाटकीय रूप से विमान ऊपर ले गए और घबराए हुए किसानों की ओर हाथ हिलाया। वह अपने इस मज़ाक से बेहद ख़ुश नज़र आ रहे थे। ऐसे दुस्साहसिक करतब के लिए मज़बूत इरादे और भरपूर आत्मविश्वास की ज़रूरत होती है, और संजय में ये दोनों ही बातें मौजूद थीं। इस पुस्तक में करण थापर ने अपनी जिंदगी के ऐसे कई किस्सों की गहराई से पड़ताल की है। इनमें शामिल हैं बेनज़ीर भुट्टो से गहरी और लंबे समय तक चली दोस्ती की कहानियां । वे बेनज़ीर से तब मिले थे जब वह ग्रैजुएशन कर रहे थे। वे आंग सान सू की और राजीव गांधी से अपने लंबे जुड़ाव के बारे में भी बताते हैं। हालाँकि उनकी कई मैत्रियां कायम नहीं रहीं, जैसे कि लालकृष्ण आडवाणी के साथ। उनके साथ थापर के निकट संबंध तब तक बने रहे जब तक एक इंटरव्यू के कारण दुर्भाग्यपूर्ण मतभेद नहीं हो गए और दोस्ती ख़त्म हो गई। किसी-किसी इंटरव्यू के बाद पैदा हुआ तनाव बना रहा, तथा करण ने इन मौकों की विस्तार से चर्चा की है। उदाहरण के लिए इंटरव्यू के बाद लंच के दौरान जब अमिताभ बच्चन अपना आपा खो बैठे या जब कपिल देव बच्चे की तरह रोने लगे। इस पुस्तक में जे. जयललिता और नरेंद्र मोदी के साथ लिए गए उनके दो विवादित साक्षात्कारों के अनसुने किस्से भी हैं।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 070.92 THA (Browse shelf(Opens below)) Checked out to Narmada Hostel OT Launge (NARMADA) 2023-09-29 168230
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करण थापर को उड़ान भरना सिखाने की कोशिश के बाद संजय गांधी ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और कई तरह के हवाई करतब दिखाए, जो खतरनाक तो नहीं थे पर बेहद रोमांचक थे। जब वे दिल्ली से काफ़ी दूर आ गए, तब वे और भी साहसी बन गए। उन्होंने सोचा कि नीचे खेतों में काम कर रहे किसानों को विमान से सीधे निशाना साध कर डराया जाए। जैसे ही उन्होंने नीचे की ओर गोता लगाया, तो किसान जान बचाने के लिए घबरा कर इधर-उधर भागने लगे। आख़िर में संजय नाटकीय रूप से विमान ऊपर ले गए और घबराए हुए किसानों की ओर हाथ हिलाया। वह अपने इस मज़ाक से बेहद ख़ुश नज़र आ रहे थे। ऐसे दुस्साहसिक करतब के लिए मज़बूत इरादे और भरपूर आत्मविश्वास की ज़रूरत होती है, और संजय में ये दोनों ही बातें मौजूद थीं।
इस पुस्तक में करण थापर ने अपनी जिंदगी के ऐसे कई किस्सों की गहराई से पड़ताल की है। इनमें शामिल हैं बेनज़ीर भुट्टो से गहरी और लंबे समय तक चली दोस्ती की कहानियां । वे बेनज़ीर से तब मिले थे जब वह ग्रैजुएशन कर रहे थे। वे आंग सान सू की और राजीव गांधी से अपने लंबे जुड़ाव के बारे में भी बताते हैं। हालाँकि उनकी कई मैत्रियां कायम नहीं रहीं, जैसे कि लालकृष्ण आडवाणी के साथ। उनके साथ थापर के निकट संबंध तब तक बने रहे जब तक एक इंटरव्यू के कारण दुर्भाग्यपूर्ण मतभेद नहीं हो गए और दोस्ती ख़त्म हो गई।
किसी-किसी इंटरव्यू के बाद पैदा हुआ तनाव बना रहा, तथा करण ने इन मौकों की विस्तार से चर्चा की है। उदाहरण के लिए इंटरव्यू के बाद लंच के दौरान जब अमिताभ बच्चन अपना आपा खो बैठे या जब कपिल देव बच्चे की तरह रोने लगे। इस पुस्तक में जे. जयललिता और नरेंद्र मोदी के साथ लिए गए उनके दो विवादित साक्षात्कारों के अनसुने किस्से भी हैं।

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