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Nari chetna aur Krishna Sobti ke upanyas

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Bharat Pustak Bhandar 2021Edition: 2nd edDescription: 192 pSubject(s): DDC classification:
  • H 891.43 SOL
Summary: नारी की धीरे-धीरे परिवर्तित होती जीवन-दृष्टि, उसकी मुक्ति की कामना, आधुनिक नारी के अंतद्वंद्व, उसकी समस्याएँ आदि मेरे आकर्षण का केन्द्र रहीं। मुझे लगता है कि प्रेमचंद की नारी की तुलना में आज की नारी के सामने कहीं अधिक समस्याएँ हैं। मेरी रुचि को ध्यान में रखते हुए डॉ. आलोक गुप्ता ने कृष्णा सोबती के साहित्य पर काम करने का सुझाव दिया। मुझे तो जैसे मनमाँगी मुराद मिल गई। कृष्णाजी ने पद्य से गद्य के क्षेत्र में पदार्पण किया है। प्रारंभ में इन्होंने कविताएँ लिखकर प्रसिद्धि प्राप्त की और प्रकारांतर से उपन्यासों के अलावा 'बादलों के घेरे' नामक कहानी-संग्रह, 'हम हशमत' नामक रेखाचित्र और 'सोबती एक सोहबत' जैसी कृति लिखकर गद्य के क्षेत्र में भी सफलता के झंडे गाड़ दिए। परंतु विषय की सीमा को ध्यान में रखते हुए मैंने कृष्णाजी के उपन्यास-साहित्य को ही अपने अध्ययन के केन्द्र में रखा है। सन् 1958 में प्रकाशित इनके प्रथम लघु उपन्यास 'डार से बिछुड़ी' से लेकर सन् 2000 तक प्रकाशित उपन्यास 'समय सरगम' इसमें समाहित हैं।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 891.43 SOL (Browse shelf(Opens below)) Checked out to Ganga Hostel OT Launge (GANGA) 2023-09-29 168178
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नारी की धीरे-धीरे परिवर्तित होती जीवन-दृष्टि, उसकी मुक्ति की कामना, आधुनिक नारी के अंतद्वंद्व, उसकी समस्याएँ आदि मेरे आकर्षण का केन्द्र रहीं। मुझे लगता है कि प्रेमचंद की नारी की तुलना में आज की नारी के सामने कहीं अधिक समस्याएँ हैं। मेरी रुचि को ध्यान में रखते हुए डॉ. आलोक गुप्ता ने कृष्णा सोबती के साहित्य पर काम करने का सुझाव दिया। मुझे तो जैसे मनमाँगी मुराद मिल गई।

कृष्णाजी ने पद्य से गद्य के क्षेत्र में पदार्पण किया है। प्रारंभ में इन्होंने कविताएँ लिखकर प्रसिद्धि प्राप्त की और प्रकारांतर से उपन्यासों के अलावा 'बादलों के घेरे' नामक कहानी-संग्रह, 'हम हशमत' नामक रेखाचित्र और 'सोबती एक सोहबत' जैसी कृति लिखकर गद्य के क्षेत्र में भी सफलता के झंडे गाड़ दिए। परंतु विषय की सीमा को ध्यान में रखते हुए मैंने कृष्णाजी के उपन्यास-साहित्य को ही अपने अध्ययन के केन्द्र में रखा है। सन् 1958 में प्रकाशित इनके प्रथम लघु उपन्यास 'डार से बिछुड़ी' से लेकर सन् 2000 तक प्रकाशित उपन्यास 'समय सरगम' इसमें समाहित हैं।

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