Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Jaise amrood ki khushboo

By: Material type: TextTextPublication details: Noida Setu 2021Description: 256 pISBN:
  • 9789392228124
Subject(s): DDC classification:
  • H 891.43802 GYA
Summary: ज्ञानरंजन हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार और सम्पादक रहे हैं। इनका रचनात्मक विवेक प्रखर और समष्टिमूलक रहा है। इस कारण ही हिन्दी के वरिष्ठ से लेकर युवा और युवतर रचनाकारों तक में उनका सम्मान है, उनसे संवाद रहा है। प्रस्तुत पुस्तक उस सम्मान और संवाद का ही पर्याय है। इसके पहले खण्ड में ज्ञानरंजन द्वारा समय-समय दिये गये साक्षात्कार, भाषण संकलित हैं तो दूसरे खण्ड में इनपर लिखे कुछ संस्मरण हैं। इस पुस्तक का संयोजन मनोहर बिल्लौरे ने किया है। ये ज्ञान जी के निकट रहे हैं। इन भाषणों और साक्षात्कारों में हमें जीवन और समाज को देखने का संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित दृष्टिकोण मिलता है। कई सूत्र जिनसे आगे की राहें खुल सकती हैं।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library H 891.43802 GYA (Browse shelf(Opens below)) Available 168110
Total holds: 0

ज्ञानरंजन हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार और सम्पादक रहे हैं। इनका रचनात्मक विवेक प्रखर और समष्टिमूलक रहा है। इस कारण ही हिन्दी के वरिष्ठ से लेकर युवा और युवतर रचनाकारों तक में उनका सम्मान है, उनसे संवाद रहा है। प्रस्तुत पुस्तक उस सम्मान और संवाद का ही पर्याय है। इसके पहले खण्ड में ज्ञानरंजन द्वारा समय-समय दिये गये साक्षात्कार, भाषण संकलित हैं तो दूसरे खण्ड में इनपर लिखे कुछ संस्मरण हैं। इस पुस्तक का संयोजन मनोहर बिल्लौरे ने किया है। ये ज्ञान जी के निकट रहे हैं। इन भाषणों और साक्षात्कारों में हमें जीवन और समाज को देखने का संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित दृष्टिकोण मिलता है। कई सूत्र जिनसे आगे की राहें खुल सकती हैं।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha