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Dehradun ka itihas

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: Chamoli Uttarakhand Prakashan 2021Edition: 1st edDescription: 373 pISBN:
  • 9788192225746
Subject(s): DDC classification:
  • UK 954.5451 WIL
Summary: वर्ष 1874 में देहरादून के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और संसाधनों के बारे में यह पुस्तक जी.आर.सी. विलियम्स ने ’मेमॉयर ऑफ देहरादून’ नाम से अंग्रेजी में लिखी थी। अंग्रेजी पुस्तक का श्री प्रकाश थपलियाल ने हिन्दी में अनुवाद किया है। इस पुस्तक में देहरादून की नहर प्रणाली, जौनसार बावर क्षेर में अंग्रेजों के आने के पहले से न्याय व्यवस्था, चाय बागान लगाने के लिए ब्रितानी सरकार के प्रयासों का भी विस्तृत लेखा-जोखा आदि विषयों पर विषेश ध्यान दिया गया है। देहरादून के एक भाग, जौनसार बावर का सांसकृतिक और सामाजिक ताना-बाना व रीति-रिवाज स्वयं में विशिष्ट रहे हैं, जिन्हें इस पुस्तक में गवेषणा का विषय बनाया गया है। देहरादून के इतिहास के अध्येताओं के लिए यह एक जरूरी पुस्तक है और मेरा मानना है कि हिन्दी में इस जिले का अद्ययन इतिहास लिखे जाने में भी यह मील का पत्थर साबित होगी।
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Books Books Gandhi Smriti Library UK 954.5451 WIL (Browse shelf(Opens below)) Available 168063
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वर्ष 1874 में देहरादून के इतिहास, भूगोल, संस्कृति और संसाधनों के बारे में यह पुस्तक जी.आर.सी. विलियम्स ने ’मेमॉयर ऑफ देहरादून’ नाम से अंग्रेजी में लिखी थी। अंग्रेजी पुस्तक का श्री प्रकाश थपलियाल ने हिन्दी में अनुवाद किया है। इस पुस्तक में देहरादून की नहर प्रणाली, जौनसार बावर क्षेर में अंग्रेजों के आने के पहले से न्याय व्यवस्था, चाय बागान लगाने के लिए ब्रितानी सरकार के प्रयासों का भी विस्तृत लेखा-जोखा आदि विषयों पर विषेश ध्यान दिया गया है। देहरादून के एक भाग, जौनसार बावर का सांसकृतिक और सामाजिक ताना-बाना व रीति-रिवाज स्वयं में विशिष्ट रहे हैं, जिन्हें इस पुस्तक में गवेषणा का विषय बनाया गया है। देहरादून के इतिहास के अध्येताओं के लिए यह एक जरूरी पुस्तक है और मेरा मानना है कि हिन्दी में इस जिले का अद्ययन इतिहास लिखे जाने में भी यह मील का पत्थर साबित होगी।

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