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Dalit Raajneeti : siddhant ewam vyawahar

By: Material type: TextTextPublication details: Delhi Academic Publication 2020Description: 3 Vol. (284p.; 266p.; 274p.)ISBN:
  • 9789383931002
Subject(s): DDC classification:
  • H 305.56 RAJ
Summary: देश को आज़ाद हुए 72 वर्ष, तथा प्रजातंत्र को • अस्तित्व में आये 70 वर्ष का एक बहुत लम्बा समय बीत चुका है। परंतु आम जनता को अब तक रोजी-रोटी, कपड़ा और मकान नसीब नहीं हुआ है जो कि सामान्य जीवन जीने की मूलभूत ज़रूरतें हैं। अच्छी शिक्षा, उम्दा चिकित्सा, सस्ते यातायात, प्रचुर बिजली एवं पानी, सुरक्षा, स्वच्छ पर्यावरण, उत्कृष्ट मनोरंजन एवं आदर्श नेतृत्व तो बहुत ही दूर की बात है। अतः विषय को परिलक्षित करते हुए वर्तमान की परिस्थितियों के अंतर्गत जनता-जनार्दन के जीवन की मूलभूत अनिवार्य ज़रूरतों की पूर्ति करवाने तथा राष्ट्र के सामने मुँह बायें खड़ी ज्वलंत एवं चुनौतीपूर्ण समस्याओं के 'मसले' को प्राथमिकता देना ज़रूरी हो जाता है। इसलिए एक आदर्श एवं कुशल जन-नेतृत्व का प्रदर्शन करने के प्रयोजनार्थ निम्नलिखित मुद्दों पर अति उत्कृष्ट दर्जे के प्रोजेक्ट तैयार करके और उक्त प्रोजेक्टों को अमली जामा पहनाने हेतु विशेष कार्यशालाओं का आयोजन करके और अच्छी तरह से प्रशिक्षित होकर जन-साधारण के बीच एक भरोसे की एक विश्वास की एक हमदर्दी की, एक अपनेपन की जागरूकता/ नवचेतना/समझ-सोच/ पुनरुत्थान की लहर पैदा करके राजनीतिक परिदृश्य को बदलना ही राष्ट्र के प्रति अपने-अपने कर्त्तव्य का समर्पण करना वक़्त की मांग है|
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देश को आज़ाद हुए 72 वर्ष, तथा प्रजातंत्र को • अस्तित्व में आये 70 वर्ष का एक बहुत लम्बा समय बीत चुका है। परंतु आम जनता को अब तक रोजी-रोटी, कपड़ा और मकान नसीब नहीं हुआ है जो कि सामान्य जीवन जीने की मूलभूत ज़रूरतें हैं। अच्छी शिक्षा, उम्दा चिकित्सा, सस्ते यातायात, प्रचुर बिजली एवं पानी, सुरक्षा, स्वच्छ पर्यावरण, उत्कृष्ट मनोरंजन एवं आदर्श नेतृत्व तो बहुत ही दूर की बात है।

अतः विषय को परिलक्षित करते हुए वर्तमान की परिस्थितियों के अंतर्गत जनता-जनार्दन के जीवन की मूलभूत अनिवार्य ज़रूरतों की पूर्ति करवाने तथा राष्ट्र के सामने मुँह बायें खड़ी ज्वलंत एवं चुनौतीपूर्ण समस्याओं के 'मसले' को प्राथमिकता देना ज़रूरी हो जाता है। इसलिए एक आदर्श एवं कुशल जन-नेतृत्व का प्रदर्शन करने के प्रयोजनार्थ निम्नलिखित मुद्दों पर अति उत्कृष्ट दर्जे के प्रोजेक्ट तैयार करके और उक्त प्रोजेक्टों को अमली जामा पहनाने हेतु विशेष कार्यशालाओं का आयोजन करके और अच्छी तरह से प्रशिक्षित होकर जन-साधारण के बीच एक भरोसे की एक विश्वास की एक हमदर्दी की, एक अपनेपन की जागरूकता/ नवचेतना/समझ-सोच/ पुनरुत्थान की लहर पैदा करके राजनीतिक परिदृश्य को बदलना ही राष्ट्र के प्रति अपने-अपने कर्त्तव्य का समर्पण करना वक़्त की मांग है|

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