Bharat ke pradhanmantri : desh, dasha, disha
Material type:
- 9788195099597
- PM 320 BHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | PM 320 BHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 167948 |
तकनीक और संचार के अभूतपूर्व विस्तार तथा राजनीति में लोगों की बेहिसाब दिलचस्पी के मेल से हैरतअंगेज़ नतीजे सामने आए हैं। इसका एक चिन्ताजनक पहलू है—इतिहास के निर्माताओं, समाज के नेतृत्वकर्ताओं और उनके कार्यों के बारे में सचाई से परे मनगढ़ंत बातों का बड़े पैमाने पर प्रसार। यह स्थिति आम जनता को भ्रमित करती है। उन्हें अपने देश और समाज की वास्तविकता से दूर करती है, सही और तथ्यसंगत राय बनाने में अक्षम बनाती है। ऐसे में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के व्यक्तित्व, कार्यों, नीतियों और उनके प्रभावों पर केन्द्रित इस किताब का महत्त्व असंदिग्ध है।
आज़ादी के 75वें साल में प्रकाशित यह पुस्तक, पहले प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री तक, हमारे शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं के विचारों और कार्यों का निष्पक्ष मूल्यांकन करती है तथा एक लोकतंत्र के रूप में भारत की प्रगति और उसके रास्ते में खड़े अवरोधों के बारे में सोचने का सूत्र देती है।
व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के दौर में यह किताब तथ्यपरक ढंग से बतलाती है कि जब कभी देश के विकास की ज़रूरतों पर शीर्षस्थ नेतृत्व की राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा हावी हुई, भारतीय लोकतंत्र प्रभावित हुआ।
एक अनुभवी पत्रकार की क़लम से देश के सभी प्रधानमंत्रियों का निष्पक्ष आकलन पेश करती यह कृति भारतीय लोकतंत्र में दिलचस्पी रखनेवाले प्रत्येक नागरिक के लिए एक ज़रूरी दस्तावेज़ साबित होगी।
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