Dhaai chall
Material type:
- 9789391950064
- H CHO N
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H CHO N (Browse shelf(Opens below)) | Available | 167949 |
सत्ता की हिस्सेदारी के लिए कुछ तबकों के बीच ठनी वर्चस्व की लड़ाई, जिनकी तरफ देश की आम जनता बड़ी उम्मीदों से ताकती रहती है।
एक बलात्कार को राजनीति की बिसात बना देने वालों की कहानी, जिनसे लोग न्याय के लिए साथ की अपेक्षा रखते हैं।
धर्म, जाति, मीडिया और राजनीति के नेक्सस की एक ऐसी आपराधिक कथा जो किसी काल्पनिक या दूर की दुनिया की बात नहीं; बल्कि हमारे आसपास रोज़ घट रही घटनाओं का कच्चा चिट्ठा है।
छल-प्रपंच और निजी सम्बन्धों के भीतर चल रहे राजनीतिक समीकरणों की एक ऐसी कथा जो चौंकाती तो है, लेकिन बेभरोसे की नहीं लगती।
‘ढाई चाल’ उपन्यास इस समय की राजनीति की रोमांचक कथा है। राजनीति जो घर और रिश्तों में जड़ें पसार चुकी है, राजनीति जो हमारे समय का सबसे बड़ा मनोरंजन है, राजनीति जो कि अब थ्रिलर है। यही कारण है साजिश और सस्पेंस—किताब के आख़िरी पन्ने तक पाठक को साथ बनाए रखते हैं।
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