Galiyon ke shahzade
Material type:
- 9789353222338
- H SHA N
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H SHA N (Browse shelf(Opens below)) | Available | 167428 |
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H SHA N Shalmali | H SHA N Boddh kathayen | H SHA N Ajnabi jazeera | H SHA N Galiyon ke shahzade | H SHA N Meri priya kahaniyan | H SHA N Kaagaz ki naav | H SHA N 2nd ed. Rudrama Devi / translated by Bala Shouri Reddy |
नासिरा शर्मा के उपन्यासों एवं कहानियों में बच्चों के चरित्र एक विशेष भूमिका के रूप में नज़र आते हैं, जो कभी आपकी उँगली पकड़कर तो कभी आप उनकी उँगली पकड़कर चलने लगते हैं और आप खुद से सवाल करने पर मजबूर हो जाते हैं कि इन बच्चों की दयनीय स्थिति का ज़िम्मेदार कौन है— परिस्थितियाँ, समाज या व्यवस्था या आप खुद? दरिद्रता और अपनों से लापरवाही तो अहम कारणों में से हैं, परंतु रिश्तों में सहृदयता व सरोकार जैसे चुकते जा रहे हों और ये कहानियाँ अपने बाल-चरित्रों द्वारा हमें झिंझोड़ने का काम करती हैं।
बच्चे किसी भी नस्ल, धर्म एवं जाति के हों, वे मानव समाज का विस्तार और मानवीय मूल्यों की अमूल्य संपदा हैं, जो किसी भी देश का भविष्य निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाने में अपना योगदान देंगे। आज अनेक तरह की विपदाएँ हमारे सामने हैं, जिनमें प्राकृतिक एवं युद्ध की विषमताएँ भी शामिल हैं और परिवार के टूटने एवं रिश्तों के प्रति संवेदनहीन होने की समस्या भी। इन सारी कठिनाइयों को एक मासूम बच्चा कैसे सहता है और उसके मन-मस्तिष्क में अटके उन दृश्यों का मनोविज्ञान क्या होता है—इन कहानियों द्वारा पाठक बहुत कुछ महसूस करेंगे।
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