Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Mudra,Banking evam rajsava/ by Gopal Singh and B. P. Gupta"

By: Material type: TextTextPublication details: Jaipur; R.B.S.A Pub.; 1989Edition: 1st edDescription: 132pISBN:
  • 8185176329
Subject(s): DDC classification:
  • H 332.4 SIN c.1
Summary: "मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों ओर समस्त अर्थ विज्ञान चक्कर लगाता है।" मार्शल के इस कथन से आर्थिक क्षेत्र में मुद्रा के महत्व का पता चलता है । आज के युग में मुद्रा ही समस्त आर्थिक क्रियाओं की प्रेरिक शक्ति है । आज हम मुद्रा रहित अर्थव्यवस्था की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । आर्थिक क्षेत्र के साथ ही सामाजिक व राजनैतिक क्षेत्र में भी मुद्रा का विशेष महत्त्व है । अर्थव्यवस्था में मुद्रा के साथ बैंकिंग व राजस्व की क्रियायें भी जुड़ी हुई हैं । इस पुस्तक में मुद्रा, बैंकिंग व राजस्व की क्रियाओं के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्ष की विषद् विवेचना की गई है । इसका अध्ययन विद्यार्थियों, अर्थवेत्ताओं, बैंकर्स व राजस्व अधिकारियों के साथ ही इस विषय में रुचि रखने वाले सामान्य पाठकों के लिए उपयोगी होगा ।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library H 332.4 SIN c1. (Browse shelf(Opens below)) Available 42719
Total holds: 0

"मुद्रा वह धुरी है जिसके चारों ओर समस्त अर्थ विज्ञान चक्कर लगाता है।" मार्शल के इस कथन से आर्थिक क्षेत्र में मुद्रा के महत्व का पता चलता है । आज के युग में मुद्रा ही समस्त आर्थिक क्रियाओं की प्रेरिक शक्ति है । आज हम मुद्रा रहित अर्थव्यवस्था की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं । आर्थिक क्षेत्र के साथ ही सामाजिक व राजनैतिक क्षेत्र में भी मुद्रा का विशेष महत्त्व है । अर्थव्यवस्था में मुद्रा के साथ बैंकिंग व राजस्व की क्रियायें भी जुड़ी हुई हैं ।

इस पुस्तक में मुद्रा, बैंकिंग व राजस्व की क्रियाओं के सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक पक्ष की विषद् विवेचना की गई है । इसका अध्ययन विद्यार्थियों, अर्थवेत्ताओं, बैंकर्स व राजस्व अधिकारियों के साथ ही इस विषय में रुचि रखने वाले सामान्य पाठकों के लिए उपयोगी होगा ।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha