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Bhartiya shiksha ka samajshastra v.1983

By: Material type: TextTextPublication details: Jaipur; Rajasthan Hindi Grantha Akadem; 1983Edition: 2ndDescription: 258pDDC classification:
  • H 370.19 ROH
Summary: यह पुस्तक 'भारतीय शिक्षा का समाजशास्त्र' एक विख्यात प्राध्यापक तथा अग्रणी अनुसंधानकर्त्ता द्वारा लिखी गई है । यह प्रायः सभी भारतीय विश्वविद्यालयों के बी. एड. व एम. एड. कक्षाओं के शिक्षा - समाजशास्त्र संबंधी पाठ्यक्रमों के अनुसार तैयार की गई है। इसकी भाषा सरल व स्पष्ट है और शैली रोचक है भारतीय सामाजिक जन जीवन के उदाहरण तथा रेखा चित्रों आदि से युक्त यह पुस्तक न केवल समाज-विज्ञान के विद्यार्थियों अपितु मानव विज्ञान व शिक्षा के विद्यार्थियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन साधारण के लिये भी अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी । देश के लगभग दो दर्जन से भी अधिक विश्वविद्यालयों व संकड़ों महाविद्यालयों में शिक्षा समाजशास्त्र विषय से संबंधित शिक्षरण कार्य होता है, लेकिन इस विषय पर कोई भी उपयुक्त पाठ्यपुस्तक हिन्दी भाषा में उपलब्ध न होने के फलस्वरूप अब तक विद्यार्थियों व प्रशिक्षकों को इस क्षेत्र में उचित स्तर का ज्ञान प्राप्त करने में बाधाएँ रही है। प्रस्तुत पुस्तक उन बाधाओं के निराकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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यह पुस्तक 'भारतीय शिक्षा का समाजशास्त्र' एक विख्यात प्राध्यापक तथा अग्रणी अनुसंधानकर्त्ता द्वारा लिखी गई है । यह प्रायः सभी भारतीय विश्वविद्यालयों के बी. एड. व एम. एड. कक्षाओं के शिक्षा - समाजशास्त्र संबंधी पाठ्यक्रमों के अनुसार तैयार की गई है। इसकी भाषा सरल व स्पष्ट है और शैली रोचक है

भारतीय सामाजिक जन जीवन के उदाहरण तथा रेखा चित्रों आदि से युक्त यह पुस्तक न केवल समाज-विज्ञान के विद्यार्थियों अपितु मानव विज्ञान व शिक्षा के विद्यार्थियों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं व जन साधारण के लिये भी अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी ।

देश के लगभग दो दर्जन से भी अधिक विश्वविद्यालयों व संकड़ों महाविद्यालयों में शिक्षा समाजशास्त्र विषय से संबंधित शिक्षरण कार्य होता है, लेकिन इस विषय पर कोई भी उपयुक्त पाठ्यपुस्तक हिन्दी भाषा में उपलब्ध न होने के फलस्वरूप अब तक विद्यार्थियों व प्रशिक्षकों को इस क्षेत्र में उचित स्तर का ज्ञान प्राप्त करने में बाधाएँ रही है। प्रस्तुत पुस्तक उन बाधाओं के निराकरण में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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