Kamkaji Hindi
Material type:
- H 491.43 BHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 491.43 BHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 37052 |
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हिन्दी भाषा को संविधान में संघ की राजभाषा के रूप में मान्यता मिली है । विभिन्न हिन्दी भाषी राज्यों के मध्य तथा केन्द्र और कुछ राज्यों – पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र व केन्द्रशासित प्रदेश- चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार के बीच सम्पर्क के लिए राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। हिन्दी-भाषी राज्यों की राजभाषा तो हिन्दी है ही । फलतः प्रयोग की दृष्टि से हिन्दी का व्यवहार क्षेत्र अत्यधिक व्यापक हो गया है। प्रस्तुत पुस्तक में 'हिन्दी के मानक स्वरूप' पर विचार करना आवश्यक तथा वांछनीय है । 'राजभाषा के रूप में हिन्दी के विकास' पर संक्षेप में लिखा गया है। राजभाषा की दृष्टि से कार्यालयों में फ़ाइलों पर 'टिप्पणी' हिन्दी में लिखी जाने लगी है जिसका सीधा संबंध 'आलेखन' से है । 'आलेखन' के अन्तर्गत सरकारी तथा गैरसरकारी पत्राचार के सभी पक्षों को समाहित कर लिया गया है। 'प्रतिवेदन' (रिपोर्ट) लिखने का कार्य भी हिन्दी में सम्पन्न होने लगा है। 'अनुवाद कला सिद्धान्त और प्रयोग' शीर्षक से तो पृथक् से पुस्तक प्रकाशित की गई है। फिर भी संक्षेप में 'अनुवाद और अनुकूलन' की समस्या पर इसमें सामग्री दे दी गई है। बढ़ते हुए परिवेश में 'संक्षेपण' का महत्व स्वयंसिद्ध है। आज का युग विज्ञापन का युग है। विभिन्न संचार माध्यमों का प्रयोग कर अपने उत्पाद को अधिक-से अधिक बेचने के लिए उत्पादक विज्ञापन का सहारा लेते हैं। विज्ञापनप्रधान इस युग में यह आवश्यक हो गया है कि विज्ञापन में प्रयुक्त भाषा के महत्व का ज्ञान हो ।
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