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Natra ke rog/ edited by S.P.Gupta;translated by H.V.Mema v.1978

By: Material type: TextTextPublication details: Patna; Bihar Hindi Grantha Akademi; 1978.Description: 436pSubject(s): DDC classification:
  • H 614.5997 NAT
Summary: प्रस्तुत ग्रंथ नेत्र के रोग डॉ० एस० पी० गुप्ता द्वारा संपादित तथा अखिल भारतीय देव वैज्ञानिक संघ की देखरेख में प्रकाशित पुस्तक 'Diseases of the 9 Eye' का अनुवाद है।इसमें नेत्र का विकास, उसकी कार्य-रचना, किया आदि का विस्तार से वर्णन किया गया है जिससे नेत्र रोगों को ठीक प्रकार से समझा जा सके। साथ ही, पलक, ज-उपकरण, नेवश्लेष्मला स्वच्छमंडल स्वेतमंडल, अतिपटल, सेंस दृष्टिपटल के रोगों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। दो अध्याय 'दैहिक रोगों की अभिव्यक्तियों तथा नेत्र के संवारणी रोग और उनके निवारण पर लिखे गये हैं। एक अध्याय चिकित्सा शास्त्र पर भी हैं।
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प्रस्तुत ग्रंथ नेत्र के रोग डॉ० एस० पी० गुप्ता द्वारा संपादित तथा अखिल भारतीय देव वैज्ञानिक संघ की देखरेख में प्रकाशित पुस्तक 'Diseases of the 9 Eye' का अनुवाद है।इसमें नेत्र का विकास, उसकी कार्य-रचना, किया आदि का विस्तार से वर्णन किया गया है जिससे नेत्र रोगों को ठीक प्रकार से समझा जा सके। साथ ही, पलक, ज-उपकरण, नेवश्लेष्मला स्वच्छमंडल स्वेतमंडल, अतिपटल, सेंस दृष्टिपटल के रोगों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। दो अध्याय 'दैहिक रोगों की अभिव्यक्तियों तथा नेत्र के संवारणी रोग और उनके निवारण पर लिखे गये हैं। एक अध्याय चिकित्सा शास्त्र पर भी हैं।

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