Pustakalaya prasuchi tatha vargikaran
Material type:
- 9789383980321
- H 025.4 VER
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 025.4 VER c 1. (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168477 | ||
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Gandhi Smriti Library | H 025.4 VER (Browse shelf(Opens below)) | Available | 166485 |
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H 025.3 YAD Pustakalaya suchikaran ke siddhanth | H 025.34 Agranthiya pathya samagriyon ka soochikaran / by J.N. Gautam and Govind Kumar Gautam | H 025.4 Pustakalaya vargikaran | H 025.4 VER Pustakalaya prasuchi tatha vargikaran | H 025.42 Pustakalay vargikaran ke siddhant | H 025.42 Pustakalay vargikaran | H 025.42 SOO Granthalaya vargikaran evam suchikaran ke siddhant |
पुस्तकालय में संग्रहीत सामग्री का प्रयोग होता रहे, इस उद्देश्य से अनेक प्रकार की प्रसूचियों का निर्माण किया जाता है, जिससे अभीष्ट सामग्री को प्राप्त किया जा सके और साथ ही पुस्तकालय की सामग्रियों को शीघ्रतापूर्वक ज्ञात किया जा सके। प्रसूची पुस्तकालय का दर्पण है और अभिलिखित ज्ञान सामग्री का हर एक संभावित दृष्टिकोण से संप्रेषित करने की युक्ति प्रस्तुत करती है। आधुनिक पुस्तकालयों में पुस्तकों तथा अन्य पाठ्य सामग्रियों को प्राप्त करने के बाद तुरंत ही उनकी प्रसूची प्रस्तुत की जाती है। अनुवर्ग प्रसूची (Classified Catalogue) की अनुवर्ग संलेखों (Classified Entries) तथा विश्लेषणात्मक संलेखों (Analytical Entries ) से कृतियों के विषय-वस्तु और उनके भौतिक आकार का ज्ञान प्राप्त किया जाता है। पुस्तकालय में कौन-सी पुस्तकें उपलब्ध हैं और उनका विषय-वस्तु क्या है, आदि प्रश्नों का उत्तर देने की क्षमता प्रसूची (catalogue) में होनी चाहिए। सर्वोत्तम प्रसूची वह है जिसमें अत्यधिक प्रकार के प्रश्नों का अल्प से अल्प समय और व्यय में उत्तर देने की क्षमता हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अनेक प्रकार की प्रसूचियों का निर्माण किया जाता है जिससे पाठक किसी भी पुस्तकालय के किसी भी ग्रन्थ का ज्ञान तभी सम्भाव्य विधियों से प्राप्त कर ले और उसके स्थान तक पहुंच जाए। किसी पुस्तक की जानकारी उसके लेखक (author), विषय, आख्या (title) के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। पाठकों की जानकारी के लिए यदि पुस्तक की अनुदित प्रति उपलब्ध हैं अथवा किसी पुस्तक के चित्रलेख (illustrations) महत्त्वपूर्ण हैं, तो अनुवादक (translator) और चित्रलेखक (illustrator) के नाम से अतिरिक्त संलेख (additional entries) प्रसूची में प्रस्तुत किए जाएंगे ताकि पाठक इनके द्वारा भी पुस्तक को प्राप्त कर ले। इसी प्रकार सम्पादक (editor) का भी संलेख पाठक की सहायता के लिए प्रस्तुत किया जाता है। इसी प्रकार पाठकों को पुस्तकालय के संग्रह से अवगत करने के लिए अनेक प्रकार की विधियों का प्रावधान पुस्तकालय प्रसूची (Library Catalogue) के अंतर्गत किया जाता हैं कोई भी पुस्तकालय समुचित प्रसूची के अभाव में अपनी बहुमूल्य पाठ्य सामग्री का प्रदर्शन पाठकों के लाभार्थ नहीं कर सकता जो पुस्तकालय विज्ञान दर्शन का प्रथम उद्देश्य है और पुस्तकें प्रयोग के लिए हैं (Books are for use) । पुस्तकों के विवरण को प्राप्त करने के लिए प्रसूची एक कुंजी हैं।
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