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Shahar mein curfew tatha anya chal upanaya

By: Material type: TextTextPublication details: New Dehli; Vani Prakahsan; 2013Description: 576pISBN:
  • 9749350724705
Subject(s): DDC classification:
  • CS RAI V
Summary: ‘शहर में कर्फ्यू’ में सांप्रदायिकता की समस्या को लेकर गंभीर विमर्श खड़ा करने की कोशिश की गई है। लेखक इस समस्या के रेशे-रेशे से परिचित है। ‘शहर में कर्फ्यू’, के माध्यम से विभूति जी ने समाज और राजनीति में लगातार सक्रिय सांप्रदायिक विचारधारा के खतरों के प्रति जागरूक और सावधान किया है और उसे सिरे से खारिज कर अपनी पक्षधरता कि मुखर घोषणा भी की है। आकस्मिक नहीं कि इस उपन्यास की प्रतियां उत्तर प्रदेश के कई शहरों में उग्र हिंदुत्ववादी संगठनों ने चौराहों पर जलाई थी। इससे प्रमाणित है कि उपन्यास ने सिर्फ वैचारिक उत्तेजन नहीं पैदा की है सही जगह पर चोट भी की है।
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‘शहर में कर्फ्यू’ में सांप्रदायिकता की समस्या को लेकर गंभीर विमर्श खड़ा करने की कोशिश की गई है। लेखक इस समस्या के रेशे-रेशे से परिचित है। ‘शहर में कर्फ्यू’, के माध्यम से विभूति जी ने समाज और राजनीति में लगातार सक्रिय सांप्रदायिक विचारधारा के खतरों के प्रति जागरूक और सावधान किया है और उसे सिरे से खारिज कर अपनी पक्षधरता कि मुखर घोषणा भी की है। आकस्मिक नहीं कि इस उपन्यास की प्रतियां उत्तर प्रदेश के कई शहरों में उग्र हिंदुत्ववादी संगठनों ने चौराहों पर जलाई थी। इससे प्रमाणित है कि उपन्यास ने सिर्फ वैचारिक उत्तेजन नहीं पैदा की है सही जगह पर चोट भी की है।

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