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Van Adhikar : mahatwapurn aadesho ka sankalan Anusuchit janjati aur aniya paramparagat vanniwasi adhiniyam 2006 and 2008

By: Material type: TextTextPublication details: Bhopal; Aadimjati kKalyan Vibhag Mantralaya; 2008Description: 255pSubject(s): DDC classification:
  • 305.56 VAN
Summary: वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए परिपत्रों एवं आदेशों/निर्देशों को संकलित कर पुस्तिका के रूप में प्रकाशित करना एक सराहनीय कार्य है। यह पुस्तिका इस अभियान को कारगर बनाने में सहायक सिद्ध होगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि वनों पर वर्षों से रह रहे वनवासियों को उनका पूरा हक और अधिकार मिले। उसी दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के लागू हो जाने बाद सम्पूर्ण देश के अनुसूचित जनजाति वर्गों में प्रसन्नता व सुरक्षा का जो भाव उत्पन्न है वह धीरे-धीरे क्रियान्वयन की प्रगति के साथ चरम पर पहुंच रहा है। हमने इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ एक जनवरी 2008 से तत्परता से काम शुरु कर दिया है और हमारा लक्ष्य है कि हम 30 सितम्बर 2008 तक इसका क्रियान्वयन पूर्ण कर सभी पात्र हकदारों को हक प्रमाण-पत्र वितरित कर दें।
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वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए परिपत्रों एवं आदेशों/निर्देशों को संकलित कर पुस्तिका के रूप में प्रकाशित करना एक सराहनीय कार्य है। यह पुस्तिका इस अभियान को कारगर बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

राज्य सरकार का प्रयास है कि वनों पर वर्षों से रह रहे वनवासियों को उनका पूरा हक और अधिकार मिले। उसी दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के लागू हो जाने बाद सम्पूर्ण देश के अनुसूचित जनजाति वर्गों में प्रसन्नता व सुरक्षा का जो भाव उत्पन्न है वह धीरे-धीरे क्रियान्वयन की प्रगति के साथ चरम पर पहुंच रहा है। हमने इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ एक जनवरी 2008 से तत्परता से काम शुरु कर दिया है और हमारा लक्ष्य है कि हम 30 सितम्बर 2008 तक इसका क्रियान्वयन पूर्ण कर सभी पात्र हकदारों को हक प्रमाण-पत्र वितरित कर दें।

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