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Raisen ka puratatva

By: Material type: TextTextPublication details: Bhopal; "Sanchalanalaya Puratatva, Abhilekhagar evam sangrahalaya"; 2007Description: 211pSubject(s): DDC classification:
  • CS 930.1 RAI
Summary: रायसेन का पुरातत्‍व नामक पुस्‍तक का प्रकाशन संचालनालय पुरातत्‍व पुरातत्‍व,अभिलेखागार एवं संग्रहालय म.प्र.भोपाल द्वारा वर्ष 2007 में कराया गया है। यह पुस्‍तक पूर्णत: ग्रामवार सर्वेक्षण पर आधारित है। संचालनालय पुरातत्‍व द्वारा रायसेन जिले सभी ग्रामों का पुरातत्‍वीय सर्वेक्षण करवाया गया है। सर्वेक्षण में प्रकाश में आये पुरातत्‍वीय स्‍थल, प्राचीन स्‍मारक यथा किले, गढ़ी, मंदिर, मस्जिद, मकबरा, छत्री एवं अन्‍य स्‍मारक तथा बिखरी पड़ी हुयी कलाकृतियों एवं पुरासामग्री का प्रलेखन कार्य किया गया है। नवीनतम् पुरासामग्री के आधार पर इतिहास संबर्धन के लिये आधार सामग्री भी तैयार की गयी है। यह पुस्‍तक शोधार्थियों, इतिहासकारों, पुरातत्‍वविदों एवं जनसामान्‍य के लिये उपयोगी है।
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रायसेन का पुरातत्‍व नामक पुस्‍तक का प्रकाशन संचालनालय पुरातत्‍व पुरातत्‍व,अभिलेखागार एवं संग्रहालय म.प्र.भोपाल द्वारा वर्ष 2007 में कराया गया है। यह पुस्‍तक पूर्णत: ग्रामवार सर्वेक्षण पर आधारित है। संचालनालय पुरातत्‍व द्वारा रायसेन जिले सभी ग्रामों का पुरातत्‍वीय सर्वेक्षण करवाया गया है। सर्वेक्षण में प्रकाश में आये पुरातत्‍वीय स्‍थल, प्राचीन स्‍मारक यथा किले, गढ़ी, मंदिर, मस्जिद, मकबरा, छत्री एवं अन्‍य स्‍मारक तथा बिखरी पड़ी हुयी कलाकृतियों एवं पुरासामग्री का प्रलेखन कार्य किया गया है। नवीनतम् पुरासामग्री के आधार पर इतिहास संबर्धन के लिये आधार सामग्री भी तैयार की गयी है। यह पुस्‍तक शोधार्थियों, इतिहासकारों, पुरातत्‍वविदों एवं जनसामान्‍य के लिये उपयोगी है।

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