Shiksha aur vikas ke samajik aayam / tr. by Sujata Rai (Record no. 54290)
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 8186684476 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H 370 RAZ |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Raza,Munis |
245 #0 - TITLE STATEMENT | |
Title | Shiksha aur vikas ke samajik aayam / tr. by Sujata Rai |
245 #0 - TITLE STATEMENT | |
Number of part/section of a work | v.1999 |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | New Delhi |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Name of publisher, distributor, etc. | Grantha Shilpi |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Date of publication, distribution, etc. | 1999 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 219p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | शिक्षा, विकास और समाज का आपस में बहुत घनिष्ठ संबंध होता है। शिक्षाव्यवस्था किसी समाजव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा होती है, इसीलिए इसको समाज व्यवस्था की उप-व्यवस्था कहा जाता है। हिंदुस्तान में ऐसे बहुत कम शिक्षाशास्त्री हैं जिन्होंने अपनी शिक्षाव्यवस्था को इस संदर्भ में रख कर जांचा-परखा है। प्रस्तुत पुस्तक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य कदम है। यह एक ऐसे शिक्षाशास्त्री के सुदीर्घ अनुभव और चिंतन का नतीजा है जो लगभग चालीस वर्षों तक शिक्षा और शोधकार्य से घनिष्ठ रूप से जुड़ा रहा है और जिसने अनेक प्रकार की शिक्षा संस्थाओं में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और लगातार शिक्षा की विभिन्न समस्याओं पर लिखता रहा है।<br/><br/>पुस्तक में शिक्षा के बदलते आदर्शों और जमीनी यथार्थ के बीच उभरने वाले अंतर्विरोधों का विवेचन अनुभवाश्रित अनुसंधानों से प्राप्त निष्कर्षों के आलोक में किया गया है। यहां उपनिवेशवादी शिक्षाव्यवस्था के अवशेषों की समीक्षा को, वर्तमान शिक्षाव्यवस्था की अंसगतियों को और भविष्य के आदर्शों के संकेतों को सरलता से पहचाना जा सकता है। इस पुस्तक में स्वतंत्रता के बाद की भारतीय शिक्षा की उपलब्धियों और सीमाओं का तर्कसंगत विवेचन किया गया है।<br/><br/>इस पुस्तक के विषय का आधार फलक बहुत व्यापक है जहां साक्षरता कार्यक्रम, प्राइमरी शिक्षा, प्रौढशिक्षा और विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ अनुसंधान कार्य को भी एक जगह प्रस्तुत करने का सराहनीय उपक्रम देखा जा सकता है। आज हमारी शिक्षाव्यवस्था जिस बदलते सामाजिक यथार्थ की चुनौती का सामना कर रही है, उसका भी विश्लेषण इस पुस्तक में यत्रतत्र किया गया है।<br/><br/>पुस्तक प्रत्येक शिक्षाकर्मी, प्राध्यापक, शोधार्थी और शिक्षा में दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्तियों के लिए समान रूप से उपयोगी है। |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Shelving location | Date acquired | Total checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Price effective from | Koha item type |
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Not Missing | Not Damaged | Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2020-02-04 | H 370 RAZ | 67217 | 2020-02-04 | 2020-02-04 | Books |