Prasangvash:sankalit bhashan (Record no. 54239)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 04240nam a2200193Ia 4500
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20220802120858.0
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
fixed length control field 200204s9999 xx 000 0 und d
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 351.0313 VOH
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Vohra,Moti lal
245 #0 - TITLE STATEMENT
Title Prasangvash:sankalit bhashan
245 #0 - TITLE STATEMENT
Number of part/section of a work c.2
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. Lucknow
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Name of publisher, distributor, etc. Information and Public Relations
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Date of publication, distribution, etc. 1995
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 834 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. विगत एक दशक के दौरान सूचना विभाग ने कुछ विचारपरक प्रकाशन भी किये है जिनका पाठकों ने स्वागत किया है। 'हिमालय पुत्रं पं. गोविन्द वल्लभ पंत के भाषणों का संकलन "शब्द जिन्होंने प्रेरित किया", आचार्य नरेन्द्र देव के जीवन एवं दर्शन को रेखांकित करने वाली पुस्तक, "आचार्य नरेन्द्र देव : युग और विचार" और डॉ. सम्पूर्णानन्द के महत्वपूर्ण लेखों एवं भाषणों का संकलन "समिधा" दस्तावेजी महत्व के प्रकाशन है। आचार्य नरेन्द्र देव, पंडित गोविन्द वल्लभ पंत, पंडित जवाहर लाल नेहरु, बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, रफी अहमद किदवई तथा डॉ. राम मनोहर लोहिया के जीवन और विचार से संबंधित प्रकाशन भी किये गये।<br/><br/>स्थायी महत्व के प्रकाशनों की श्रृंखला में एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं संग्रहणीय प्रकाशन लगभग 2 वर्ष पूर्व "प्रसंगवश" नाम से किया गया था जिसमें महामहिम राज्यपाल श्री मोतीलाल वोरा के विचार संकलित हैं जो विभिन्न अवसरों पर प्रसंगवश व्यक्त किये गये थे। संस्कृति, पत्रकारिता, राष्ट्रीय आन्दोलन, साहित्य, पर्यावरण तथा विकास के विविध पक्षों को रेखांकित करने वाले जो भाषण इसमें संकलित किये गये हैं उनके अध्ययन से पता लगता है कि वे कितने सारगर्भित और बहुआयामी हैं।<br/><br/>इन भाषणों में भारतीय जीवन-मूल्यों के प्रति महामहिम को अगाध आस्था परिलक्षित होती है। समन्वयवादी संस्कृति के प्रति उनका अनुराग प्रकट होता है। "चौथे खम्भे" की भूमिका के बारे में उनका आदर्शवादी विचार सामने आता है। कल्याण कार्यक्रमों का अधिकाधिक लाभ गरीबों तक पहुंचाने का अटूट संकल्प दिखायी देता है तथा बहुमुखी विकास के लिए अनवरत प्रयास की उनको प्रतिबद्धता दिखाई देती है।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element "�ں�����,����� ������-����, ������� ����-ע���������"
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
Source of classification or shelving scheme Dewey Decimal Classification
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Home library Current library Shelving location Date acquired Total checkouts Full call number Barcode Date last seen Date last checked out Price effective from Koha item type
  Not Missing Not Damaged   Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library   2020-02-04 1 H 351.0313 VOH 67165 2024-06-08 2024-01-04 2020-02-04 Books

Powered by Koha