Bhasha aur bhashiki (Record no. 52360)

MARC details
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005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 8171191401
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 491.43 DWI
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Dwivedi, Devishankar
245 #0 - TITLE STATEMENT
Title Bhasha aur bhashiki
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. New Delhi
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Name of publisher, distributor, etc. Radhakrishna Prakashan
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Date of publication, distribution, etc. 1993
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 308 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. इस पुस्तक को देखकर मुझे गर्व और प्रसन्नता दोनों का ही अनुभव हुआ है गर्व इसलिए कि यह मेरे परमप्रिय शिष्य डॉ० देवीशंकर द्विवेदी की पांडित्यपूर्ण कृति है और प्रसन्नता इसलिए कि यह भाषाविज्ञान के क्षेत्र में एक प्रामाणिक और अपने ढंग की अनोखी देन है। डॉ० देवीशंकर द्विवेदी प्रतिभाशाली विद्यार्थी रहे हैं और भाषाविज्ञान का उन्होंने बहुत ही गहराई के साथ अध्ययन और मनन किया है । इस समय वे सागर विश्वविद्यालय में भाषाविज्ञान के अध्यापक । अध्यापन के क्रम में वहाँ अपने विद्यार्थियों के संपर्क से उनकी आवश्यकता के अनुसार विषय के जिन पक्षों के महत्त्व का उन्हें बोध हुआ है, उनका इसमें उन्होंने नये ढंग से विवेचन किया है। उनके विचारों में जैसी सुस्पष्टता है, वैसी ही उनकी भाषा में प्रांजलता और विषय के अनुरूप अभिव्यक्ति की शक्ति भी है।<br/><br/>• विज्ञान की और शाखाओं के समान ही भाषाविज्ञान में भी कुछ लिखते समय पारिभाषिक शब्दों की समस्या जटिल रूप में आ खड़ी होती है। इसलिए मैंने आज से कोई दस-बारह वर्ष पहले पटना विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में भाषाविज्ञान की एक पारिभाषिक शब्दावली तैयार करके विद्वज्जनों के सम्मत्यर्थं प्रकाशित की थी। उसी का प्रयोग आगरा विश्वविद्यालय के क० मुं० हिन्दी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ में पठन-पाठन तथा लेखन के क्रम में हम बराबर करते रहे हैं। देवीशंकर जी ने भी इस पुस्तक में प्रायः उसी शब्दावली का प्रयोग किया है, परन्तु उसके अतिरिक्त उन्होंने कई अन्य शब्द भी व्यवहृत किये हैं। Linguistics के लिए उन्होंने 'भाषाविज्ञान' के बजाय 'भाषिकी' शब्द को अधिक उपयुक्त समझा है।
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
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