Great kanchana circus (Record no. 357425)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 05583nam a22002177a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20241214132454.0
008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
fixed length control field 241214b |||||||| |||| 00| 0 eng d
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789362870209
040 ## - CATALOGING SOURCE
Transcribing agency AACR-II
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H PAT V
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Patil, Vishwas
9 (RLIN) 6290
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Great kanchana circus
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. New Delhi
Name of publisher, distributor, etc. Vani
Date of publication, distribution, etc. 2024
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 350p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. ग्रेट कंचना सर्कस मराठी से अनूदित विश्वास पाटील का एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास है । इसकी लोमहर्षक सत्यकथा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान की है जब जापान ने बर्मा पर अचानक बमबारी शुरू कर दी थी । दुर्योग से अपने करतब दिखलाने को रंगून से मिला आमन्त्रण स्वीकार कर असम का मशहूर सर्कस वहाँ गया हुआ था। सभी कलाकार और जंगली जानवर वहीं फँस गये। बाहर निकलने का कोई इन्तज़ाम नहीं था । और तो और, डर से पगलायी स्थानीय ब्रितानी सरकार की पुलिस ने गोली मारकर उनके कई जानवरों की हत्या कर दी। सर्कसवालों ने बचाने की कोशिश की तो पुलिसवाले उन्हें भी मार गिराने को उतारू हो गये। सिर्फ दो जानवर भागकर जंगल में छिपने में कामयाब हो पाये-राजसी और बुद्धिमान हथिनी, राजमंगला और सुपर तेज़ धावक व करतब में पारंगत घोड़ा, फक्कड़राव । अब इन सबकी शुरू होती है वापसी की एक डोर में बाँधे चुनौतीपूर्ण और शौर्यपूर्ण यात्रा । करते भी क्या इनके पास, अकल्पनीय रूप से घनघोर और बेरोक बरसात में, 520 कि.मी. लम्बा घना जंगल, पैदल पार करने के सिवा, कोई विकल्प भी न था। जंगल भी ऐसा जहाँ कन्द-मूल, फल तक नहीं। हाथ लगते बस जंगली केले और बाँस की ताज़ा कोंपलें। उनके लिए कभी मछली, केंकड़े और जंगली घास उबालकर पेट भरने के अलावा कोई रास्ता न था। पर इस पुस्तक में केवल संघर्ष और दिलेरी ही नहीं है। इसमें विस्तार और सूक्ष्मता से युद्ध, बमबारी, इन्सानी अहंकार, प्राकृतिक विपदा और आघात के चित्र भी अंकित किये गये हैं, उसी बारीकी से सर्कस के करतब और उनके लिए की गयी तैयारी का भी चित्रण किया गया है। हम यह भी जान जाते हैं कि वे करतब उतनी ही कलाकारी की माँग करते हैं, जितनी शास्त्रीय संगीत या नृत्य । उल्लेखनीय है कि अपनी बीहड़ यात्रा में मृत्यु के रौद्रतम प्रहार के सामने खड़ा जीवन का आलिंगन करता, हँसता-खिलखिलाता, प्रेम करता लघु मानव और पशु जब आसमान की ऊँचाई छूने लगते हैं, हमें भी जीवन को बहादुरी और प्रेम से जीने का सबक़ देते हैं । अन्त में, जब वे भारत की सीमा में पहुँचते हैं, लगता है, ऐसी पुस्तक का अन्त त्रासदी से उबरकर ही हो सकता था । होता भी है । सर्कस वापस अपनी ज़मीन पर पहुँचता है और कुछ महीनों बाद फिर से शो करता है। कहने की आवश्यकता नहीं कि जितना कल्पनातीत है, उतना ही यथार्थ है विश्वास पाटील के उपन्यास ग्रेट कंचना सर्कस का फलक ।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Hindi Novel
9 (RLIN) 8104
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Upnyas
9 (RLIN) 8105
710 ## - ADDED ENTRY--CORPORATE NAME
Corporate name or jurisdiction name as entry element Bule, Ravi tr.
9 (RLIN) 8106
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme Dewey Decimal Classification
Koha item type Books
Holdings
Date last seen Total Checkouts Full call number Barcode Price effective from Koha item type Lost status Source of classification or shelving scheme Damaged status Not for loan Withdrawn status Home library Current library Date acquired Cost, normal purchase price
2024-12-14   H PAT V 180175 2024-12-14 Books Not Missing Dewey Decimal Classification Not Damaged     Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2024-12-14 695.00

Powered by Koha