Bhojpuri lok sahitya (Record no. 356993)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 04158nam a22001817a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20241023203614.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9788119996988
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 891.45 BHO
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name Uday, Prakash
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name Gorakhnath
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Bhojpuri lok sahitya
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication Prayagraj
Name of publisher Lokbharti
Year of publication 2024
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 104p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc लोक की व्याप्ति अत्यंत व्यापक है। इसमें मनुष्य ही नहीं सृष्टि के समस्त चर-अचर अर्थात पशु-पक्षी, वृक्ष-नदी, पर्वत-घाटियाँ, गाँव-शहर आदि सम्मिलित माने जाते हैं। इस लोक की धड़कनों एवं सुख-दुखात्मक अनुभवों की जितनी जीवंत और प्रामाणिक अभिव्यक्ति लोकसाहित्य में मिलती है उतनी अन्यत्र दुर्लभ है। इस लिहाज से भोजपुरी लोकसाहित्य के इस संकलन में भोजपुरी लोकसमाज के सुख-दुख, हास-रुदन, आशा-निराशा, राग-द्वेष के स्पंदनों को बड़ी सूक्ष्मता से सुना एवं अनुभव किया जा सकता है। इस संकलन की एक खासियत यह है कि इसमें भोजपुरी लोकसाहित्य की पाठ्य-सामग्री को मूल रूप में भोजपुरी में ही रखा गया है। सामान्यतः इस तरह के संकलनों में मूल लोकभाषा का रूप रख सकना एक चुनौतीपूर्ण काम होता है। इसलिए अक्सर सुविधा की दृष्टि से पाठ्य-सामग्री को खड़ीबोली में रख दिया जाता है। इससे पाठक सम्बन्धित लोकभाषा के मूल आस्वाद से वंचित रह जाता है। इस बात को दृष्टिगत करते हुए भोजपुरी लोकसाहित्य के लोकगीतों, गाथाओं, कथाओं, लोकोक्तियों आदि की जो सामग्री इस संकलन में रखी गई है वह मूल भोजपुरी में ही है। इस पुस्तक में लोकसाहित्य के विभिन्न पक्षों की जानकारी देने के साथ खासतौर से भोजपुरी लोकसाहित्य पर पर्याप्त सामग्री दी गई है। इससे विद्यार्थियों एवं अध्येताओं को लोकसाहित्य के सामान्य परिचय के साथ भोजपुरी लोकसाहित्य की एक व्यापक पृष्ठभूमि की जानकारी हो जाती है। यह संकलन हिन्दी क्षेत्र की विभिन्न लोक भाषाओं में मौजूद प्रचुर लोकसाहित्य को मूल भाषा में सामने लाने की दिशा में एक मानक संकलन बन सकता है, क्योंकि अभी तक पाठ्यपुस्तक के रूप में इस तरह का प्रयास लगभग नहीं दिखाई देता।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term Folk Literature
9 (RLIN) 6836
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
Holdings
Lost status Home library Current library Date acquired Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Koha item type Public Note
  Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2024-10-23 495.00 H 891.45 BHO 180367 Books 495.00

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