Mahasamrat : pehla khand jhanjhawaat (Record no. 356809)
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9789395737456 |
040 ## - CATALOGING SOURCE | |
Transcribing agency | AACR-II |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H PAT V |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Patil, Vishwas |
9 (RLIN) | 6290 |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Mahasamrat : pehla khand jhanjhawaat |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | New Delhi |
Name of publisher, distributor, etc. | Rajkamal |
Date of publication, distribution, etc. | 2023 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 437p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | छत्रपति शिवाजी के बारे में कौन नहीं जानता! महाराष्ट्र में स्वाधीनता का अलख जगाने वाले और आगे चलकर सम्पूर्ण भारत के लिए आत्मसम्मान, संघर्ष और साहस का प्रतीक बन जाने वाले शिवाजी पर अनेक लेखकों ने कलम चलाई है। कई विदेशी इतिहासकारों और लेखकों ने भी उनकी जीवनियाँ और ऐतिहासिक वृत्तान्त लिखे हैं। ‘महासम्राट’ उन सबसे अलग है। मराठी के विख्यात उपन्यासकार विश्वास पाटील द्वारा लिखित यह महाआख्यान उनके सुदीर्घ शोध और अपने नायक के प्रति गहन प्रेम और श्रद्धा का परिणाम है। लेखक ने इस वृहत उपन्यास में उन तथ्यों पर भी प्रकाश डाला है जो अभी तक लेखकों की निगाह से छूट जा रहे थे। मसलन, शिवाजी के व्यक्तित्व और चरित्र के शिल्पकार, उनके पिता शाहजी राजे भोसले की उनके जीवन में भूमिका। इस उपन्यास में न सिर्फ उनके, बल्कि तत्कालीन इतिहास से प्राप्त अनेक पात्रों और घटनाओं को भी पर्याप्त जगह दी गई है ताकि आज का पाठक शिवाजी की सम्पूर्ण छवि को अपनी कल्पना में साकार कर सके। विस्तृत शोध और शिवाजी से जुड़े अनेक स्थलों की यात्राओं के कारण ही यह सम्भव हो पाया है कि उपन्यासकार के रूप में लेखक ने जहाँ कल्पना का हाथ पकड़ा है, तो उसे भी वे इतिहास-सम्मत तथ्यों के रास्ते पर ही लेकर बढ़े हैं। लगातार शोध के चलते लेखक को शिवाजी से सम्बन्धित इतनी सामग्री मिली कि एक उपन्यास की बजाय उन्होंने एक उपन्यास-शृंखला की योजना बनाई है, जिसकी यह पहली कड़ी है—‘झंझावात’। शिवाजी के सम्पूर्ण जीवन को एक उपन्यास में समेटना यूँ भी सम्भव नहीं है। मूल मराठी में इस उपन्यास को एक मील का पत्थर माना गया है। इसका एक कारण इसकी तथ्यात्मकता है, और दूसरा आख्यान के रूप में इसकी परिपक्वता, भाषा-सामर्थ्य और शैली-सौष्ठव जिसको मूल पाठ की तारतम्यता के साथ इस हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत किया गया है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Novel- Hindi |
9 (RLIN) | 6291 |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Historical Fiction |
9 (RLIN) | 6292 |
710 ## - ADDED ENTRY--CORPORATE NAME | |
Corporate name or jurisdiction name as entry element | Buley, Ravi tr. |
9 (RLIN) | 6293 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | Books |
Date last seen | Total Checkouts | Full call number | Barcode | Price effective from | Koha item type | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Withdrawn status | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price |
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2024-10-14 | H PAT V | 180431 | 2024-10-14 | Books | Not Missing | Dewey Decimal Classification | Not Damaged | Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2024-10-14 | 999.00 |