Kabeer ke sau pad (Record no. 356774)
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fixed length control field | 04133nam a22001937a 4500 |
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
control field | OSt |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20241010151553.0 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9788119989867 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | RT 821 THA |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | Thakur, Ravindranath |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Kabeer ke sau pad |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | Delhi |
Name of publisher | Radhakrishna |
Year of publication | 2024 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 222p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | कबीर के प्रति रवीन्द्रनाथ ठाकुर का आकर्षण साहित्य-जगत की अत्यन्त विशिष्ट परिघटना है। कबीर को पढ़कर उनके व्यक्तित्व और रचनाओं से रवीन्द्रनाथ इतने प्रभावित हुए कि उनके चुनिन्दा पदों को अंग्रेजी में अनूदित कर दुनिया के सामने रखना उन्हें आवश्यक लगा। आचार्य क्षितिमोहन सेन द्वारा वाचिक परम्परा से संकलित कबीर के पदों और बेलवेडियर प्रेस से प्रकाशित ‘कबीर वाणी’ को आधार बनाकर उन्होंने कबीर के सौ पदों का अनुवाद किया—‘वन हंड्रेड पोएम्स ऑव कबीर’। उनकी दृष्टि में कबीर इसलिए महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्होंने तमाम कुरीतियों को भेदकर भारत के अन्तर में निहित सत्य को पहचाना और उसी की साधना की। रवीन्द्रनाथ ने विशेष रूप से वे पद चुने जिनमें कबीर का प्रेमी, साधक और आत्मसन्धानी व्यक्तित्व उभरता है तथा जो विरहिनी जीवात्मा के परमात्मा से मिलन के साक्षी हैं। इस तरह कबीर को कबीरपन्थी मठों और अखाड़ों से बाहर निकलकर प्राच्य और पाश्चात्य जगत के सामने लाने में उन्होंने महती भूमिका निभाई। रवीन्द्रनाथ के कबीर सम्बन्धी इस रचनात्मक प्रयास का निस्सन्देह ऐतिहासिक महत्त्व है, जिसको रेखांकित करते हुए वरिष्ठ लेखक-अनुवादक रणजीत साहा ने यह पुस्तक ‘कबीर के सौ पद’ तैयार की है। इसमें ‘वन हंड्रेड पोएम्स ऑव कबीर’ और उसके लिए इसमें प्रख्यात विद्वान एवलिन अंडरहिल द्वारा लिखी गई सुचिन्तित भूमिका का हिन्दी अनुवाद तो है ही, आचार्य क्षितिमोहन सेन द्वारा संकलित संग्रह से इन पदों के मूल पाठ भी दिए गए हैं। कहना न होगा कि साहित्य के अध्येताओं और शोधार्थियों से लेकर सामान्य पाठकों तक के लिए यह एक पठनीय और संग्रहणीय पुस्तक है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Hindi literature |
9 (RLIN) | 6184 |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Poetry |
9 (RLIN) | 6185 |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Translated & Edited by Ranjit Saha |
9 (RLIN) | 6186 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Lost status | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price | Full call number | Accession Number | Koha item type | Public Note |
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Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2024-10-10 | 895.00 | RT 821 THA | 180326 | Books | 895.00 |