Santal-sanskar ki rooprekha (Record no. 356564)

MARC details
000 -LEADER
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789355180650
040 ## - CATALOGING SOURCE
Transcribing agency AACR-II
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 307.7 UMA
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Umashankar
9 (RLIN) 5602
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Santal-sanskar ki rooprekha
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. New Delhi
Name of publisher, distributor, etc. Vani
Date of publication, distribution, etc. 2023
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 487p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. "इतिहास की कहानी बहुत लम्बी है। उसे युगों में जितना ही हम बाँधने की चेष्टा करते हैं, उतनी ही उसकी लम्बाई बढ़ती जाती है। इसकी सीमा को हमने खोजों के द्वारा नापने की चेष्टा की है, पर अभी तक वह अथाह है. ऐसा माना जाता है, ऐसा कहा जाता है। पता नहीं, हमारी यह धारणा कब तक बनी रहेगी। एक खोज के द्वारा हम एक धारणा बना पाते हैं, पर दूसरी खोज उस धारणा को ग़लत प्रमाणित कर देती है। आज ज्ञान बढ़ रहा है. खोज का क्षेत्र भी विस्तृत हो रहा है। इस खोज की होड़ में इतिहास का क्या रूप होगा! इसका उत्तर भविष्य ही देगा। अब तक की प्राप्त उपलब्धियों को ही हम आधार बनाकर अपना काम कर सकते हैं। मानवीय उपलब्धियों का अभिलेख इतिहास है। मानव का पैर जब इस धरातल पर पड़ा तब इतिहास की गंगा छूटी। पर वास्तविक इतिहास का आरम्भ तब हुआ, जब तथ्यों ने इतिहास का श्रृंगार किया तथ्यों का जन्म अभिलेखों से होता है। यही कारण है, अभिलेख इतिहास के पोषक तत्त्व है। जिस जाति की उपलब्धियों का कोई अभिलेख नहीं, उसका अपना कोई इतिहास भी नहीं है। हो सकता है, जिस जाति का हमें इतिहास मिलता है, उस जाति के पूर्व का भी इतिहास हो, पर समय-सागर में उनकी उपलब्धियों नष्ट हो गयी है या वे किसी खोह में पढ गयी है और किसी शोधकर्ता की बाट देख रही हैं। खोह में पड़ी हुई उपलब्धियों से हमारा कोई सम्बन्ध नहीं है। उनके दर्शन की हमें लालसा अवश्य है। उनके प्रति हमारी ममता भी है। पर साक्ष्य के अभाव में वे हमारे लिए निरर्थक ही हैं। इस ग्रन्थ में मैंने उन्हीं उपलब्धियों को अपना बनाया है, जिनका कोई आधार है, कोई अभिलेख है।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element History
9 (RLIN) 5603
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Social Science
9 (RLIN) 5604
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Source of classification or shelving scheme Dewey Decimal Classification
Koha item type Books
Holdings
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