Kandho par ghar (Record no. 355884)
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788119996049 |
040 ## - CATALOGING SOURCE | |
Transcribing agency | AACR-II |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H PRA |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Pragya |
9 (RLIN) | 3845 |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Kandho par ghar |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | Prayagraj |
Name of publisher, distributor, etc. | Lokbharti |
Date of publication, distribution, etc. | 2024 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 248p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | काँधों पर घर दूर-दराज़ के इलाकों से अपने सपनों की गठरी बाँधकर दिल्ली आए लोगों की अनेक कहानियाँ कहता उपन्यास है। एक जीवन में अनेक पहचानों और अनेक संघर्षों से जूझते लोग इसमें नज़र आएँगे। पूनम इन्हीं में से एक है जो अपने सूरज का हाथ थामकर बदायूं से दिल्ली चली आई। शहर के जीवन ने पूनम को एक सपना सौंपा और साथ सौंपा उसके सपने को अपना मानने वाले लोगों का अटूट भरोसा। इस तरह एक सपने में अचानक कई-कई सपने झांकने लगे। जीवन के आंधी-तूफान में पूनम ने एक छोटा-सा सपना साकार किया पर सपने और हकीकत के बीच संघर्षों का दरिया तेज़ तूफान लिए था। इन लोगों के पांव तले जमीन कच्ची थी पर पूनम, फरीदा, सुगंधा, मुनमुन, नेचू, पंकज और सूरज का हौसला पक्का था। ये ऐसे ही ज़िन्दादिल लोगों की कहानी है जो एक से दो, दो से तीन और आगे बढ़ते-बढ़ते एक काफिला बनाते चलते गए। अपने खून-पसीने से जिन्होंने दूसरों के लिए स्वर्ग रचे। ऐसे लोग जो शहर को शहर बनाते हैं पर शहर का भरा-पूरा आसमान अक्सर ज़मीन के इन लोगों की तरफ देखता भी नहीं। ये कहानी दिल्ली के उस यमुना पुश्ते की कहानी है जिसका अपना एक इतिहास रहा है। वे लाखों लोग पुश्ते से हटाकर कहीं और बसा दिए गए पर वीरान पुश्ते में दबी आवाज़ें उस पूरे संसार को सामने ले आती हैं जो जीवन के आरोह-अवरोह की जीवंत शरणस्थली था। इनका जीवन जैसे विस्थापन के एक चक्र में उलझा रहता है। एक विस्थापन समाप्त होता है तो दूसरा शुरू हो जाता है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Hindi Novel |
9 (RLIN) | 3846 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price | Total checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Price effective from | Koha item type |
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Not Missing | Dewey Decimal Classification | Not Damaged | Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2024-06-07 | 350.00 | H PRA | 169702 | 2024-06-07 | 2024-06-07 | Books |