Tathagat phir nahi aate (Record no. 355783)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 03526nam a22001697a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field OSt
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20240603041810.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789393603227
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 294.363 GAR
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Garg, Pradeep
9 (RLIN) 3553
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Tathagat phir nahi aate
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. Prayagraj
Name of publisher, distributor, etc. Lokbharti
Date of publication, distribution, etc. 2023
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 408p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. सिद्धार्थ सोलह वर्ष की आयु में विवाह के पश्चात् तेरह वर्ष तक नाच-गाना देखते-सुनते हुए राजभवन में ही बैठे रहे। एक दिन जब राजमहल से बाहर निकले तो एक वृद्ध पुरुष, एक रोगी और फिर एक शव को देख ऐसी विरक्ति मन में उत्पन्न हुई कि गृहत्याग कर परिव्रजित हो गये। यह कथा सामान्यतः प्रचलित अवश्य है परन्तु वस्तुतः गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर प्राचीनतम एवं विद्वानों के मतानुसार सर्वाधिक प्रामाणिक ग्रंथों 'त्रिपिटक' के अनुसार इस कथा की सच्चाई में सन्देह करने के पर्याप्त कारण हैं। तत्कालीन विश्व और भारतवर्ष के समाज तथा उनकी राजनीति को समझने का प्रयास करती हुई यह पुस्तक उन गुरुओं, जिनमें से कई स्वयं को 'बुद्ध घोषित कर चुके थे, के परस्पर तर्क- वितर्क की श्रोता तो बनती ही है; तक्षशिला विश्वविद्यालय में संसार भर से आये ज्ञानपिपासुओं की बौद्धिक चर्चा में सहभागी भी बनती है; और उस अद्भुत वैचारिक आन्दोलन की साझीदार भी जब जम्बूद्वीप के हर नगर, कसबे और गाँव में स्थापित कुतुहलशालाओं में जीवन और अस्तित्व के आधारभूत प्रश्नों पर वाद-विवाद अनवरत ही हो रहा था। साथ ही, कपिलवस्तु, वैशाली, राजगृह, कौशाम्बी, श्रावस्ती इत्यादि नगरों में पड़ाव करते हुए यह यात्रा उस काल के अभूतपूर्व वैभव और जनमानस में विभिन्न कारणों से पनपते विद्रोह की साक्षी बनती है व उस घटनाचक्र की भी जिसने मगध साम्राज्य के जन्म को अवश्यम्भावी कर दिया।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Buddha Stories
9 (RLIN) 3554
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Home library Current library Date acquired Total checkouts Full call number Barcode Date due Date last seen Date last checked out Price effective from Koha item type
  Not Missing Not Damaged   Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2024-06-03 2 H 294.363 GAR 169687 2025-08-30 2024-08-27 2024-08-27 2024-06-03 Books

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