Tokri mein digant (Record no. 354774)
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
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005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788126727421 |
040 ## - CATALOGING SOURCE | |
Transcribing agency | AACR-II |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | SA 891.431 ANA |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Animika |
9 (RLIN) | 1205 |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Tokri mein digant |
250 ## - EDITION STATEMENT | |
Edition statement | 2nd ed. |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | New Delhi |
Name of publisher, distributor, etc. | Rajkamal |
Date of publication, distribution, etc. | 2012 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 182p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | अनामिका के नए संग्रह 'टोकरी में दिगंत-थेरी गाथा: 2014' को पूरा पढ़ जाने के बाद मेरे मन पर जो पहला प्रभाव पड़ा, वो यह कि यह पूरी काव्य-कृति एक लम्बी कविता है, जिसमें अनेक छोटे-छोटे दृश्य, प्रसंग और थेरियों के रूपक में लिपटी हुई हमारे समय की सामान्य स्त्रियाँ आती हैं । संग्रह के नाम में 2014 का जो तिथि-संकेत दिया गया है, मुझे लगता है कि पूरे संग्रह का बलाघात थेरी गाथा के बजाय इस समय-सन्दर्भ पर ही है । संग्रह के शुरू में एक छोटी-सी भूमिका है, जिसे कविताओं के साथ जोड़कर देखना चाहिए । बुद्ध अनेक कविताओं के केंद्र में हैं, जो बार-बार प्रश्नांकित भी होते हैं और बेशक एक रोशनी के रूप में स्वीकार्य भी ! इस नए संकलन में अनेक उद्धरणीय काव्यांश या पंक्तियाँ मिल सकती हैं, जो पाठक के मन में टिकी रह जाती हैं । बिना किसी तार्किक संयोजन के यह पूरा संग्रह एक ऐसे काव्य-फलक की तरह है, जिसके अंत को खुला छोड़ दिया गया है । स्वयं इसकी रचयिता के अनुसार "वर्तमान और अतीत, इतिहास और किंवदँतियाँ, कल्पना और यथार्थ यहाँ साथ-साथ घुमरी परैया-सा नाचते दीख सकते हैं ।" आज के स्त्री-लेखन की सुपरिचित धरा से अलग यह एक नई कल्पनात्मक सृष्टि है, जो अपनी पंक्तियों को पाठक पर बलात थोपने के बजाय उससे बोलती-बतियाती है, और ऐसा करते हुए वह चुपके से अपना आशय भी उसकी स्मृति में दर्ज करा देती है । शायद यह एक नई काव्य-विधा है, जिसकी ओर काव्य-प्रेमियों का ध्यान जाएगा । समकालीन कविता के एक पाठक के रूप में मुझे लगा कि यह काव्य-कृति एक नई काव्य-भाषा की प्रस्तावना है, जो व्यंजन के कई बंद पड़े दरवाजों को खोलती है और यह सब कुछ घटित होता है एक स्थानीय केंद्र के चारों ओर । कविता की जानी-पहचानी दुनिया में यह सबाल्टर्न भावबोध का हस्तक्षेप है, जो अलक्षित नहीं जाएगा । - केदारनाथ सिंह. |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Hindi Literature; Poems; Sahitya Akademi awarded |
9 (RLIN) | 1206 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Source of classification or shelving scheme | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price | Total checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Date last checked out | Price effective from | Koha item type |
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Not Missing | Dewey Decimal Classification | Not Damaged | Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2024-02-21 | 495.00 | 1 | SA 891.431 ANA | 169284 | 2024-08-21 | 2024-08-06 | 2024-02-21 | Books |