Aarthik vicharo ka ithash (Record no. 346591)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 04764nam a22001817a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field 0
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20220519221415.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789388165624
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 330.9 KAN
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Kanupriya
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Aarthik vicharo ka ithash
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. Dehradun
Name of publisher, distributor, etc. Samay sakshay
Date of publication, distribution, etc. 2020.
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 252 p.
504 ## - BIBLIOGRAPHY, ETC. NOTE
Bibliography, etc. note विगत वर्षो में अर्थशास्त्र विषय के अध्यापन के समय मुझे बार-बार यह लगता रहा है कि 'आर्थिक विचारों का इतिहास' विषय पर अनेक किताबें होने के बावजूद एक ऐसी किताब की कमी अब भी है जो वास्तव में छात्रों को केंद्रित करके लिखी गई। साथ ही जिसे छात्र-छात्राएं आसानी से समझ सकें और अंतर्निहित भाव को ग्रहण कर सकें।<br/><br/>अध्ययन एवं अध्यापन काल के दौरान बनाए गए अपने नोट्स को संकलित-संग्रहित करने का लोभ हर किसी के मन के किसी कोने में दबा रहता है। इसी क्रम में विचार आया कि इन नोट्स को किताब के रूप में प्रकाशित कराया जाए। इनमें क्या-कुछ और बेहतर हो सकता है, इस पर विमर्श के लिए एक दिन अपने शिक्षक प्रो. आर.सी. भटनागर के पास जाना हुआ तो उन्होंने वह सामग्री सामने रख दी, जिससे वे तीन दशक से भी अधिक समय तक अपने छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करते रहे हैं। इस सामग्री में इसलिए कोई बड़ा बदलाव अपेक्षित नहीं रहा क्योंकि आर्थिक विचारों का इतिहास के तथ्यों, कथ्यों और व्याख्याओं में कोई युगान्तरकारी परिवर्तन नहीं हुआ।<br/><br/>आर्थिक विचारों और उनके इतिहास पर अंग्रेजी में किताबों की कमी नहीं है, लेकिन हिन्दी माध्यम के छात्र-छात्राओं को अब भी स्तरीय सामग्री के अभाव का सामना करना पड़ता है। इसका बड़ा नुकसान यह है कि छात्र गंभीर और स्तरीय सामग्री से विमुख हो जाते हैं और अन्तत: अर्थशास्त्र से ही उनका मोहभंग हो जाता है। ऐसी उम्मीद करना गलत नहीं है कि यह पुस्तक उस कमी को पूरा करेगी, जिसे हिन्दी माध्यम के छात्र-छात्राएं निरंतर महसूस करते रहे हैं।<br/><br/>इस पुस्तक के प्रकाशन में जिन लोगों ने प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से सहयोग दिया उन सभी के प्रति बहुत समय साक्ष्य प्रकाशन के प्रति विशेष आभार, उनके बिना यह पुस्तक छात्रों तक न पहुँच पाती। इस पुस्तक के पुनर्लेखन एवं सामग्री संयोजन में मुझे हमेशा की तरह अपने पिता एवं शिक्षक प्रो. (डॉ.) आर.एस. विरमानी का सतत मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उनके आशीर्वाद की हमेशा ही असीम आकांक्षा रहती है।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Arthik vicharo ka ithash
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Economic
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
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