Uttarakhand aandolan : smritiyo ka himalaya (Record no. 346588)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 04074nam a22001817a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field 0
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20220519155021.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789386452122
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number UK 954.51035 LAK
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Lakheda, Harish Chandra.
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Uttarakhand aandolan : smritiyo ka himalaya
250 ## - EDITION STATEMENT
Edition statement 1st ed.
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. Dehradun
Name of publisher, distributor, etc. Samay Sakhsya
Date of publication, distribution, etc. 2017
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 470 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. स्मृतियों के महासागर में से यह मात्र एक बूंद है। अथाह गहरे व अंतहीन महासागर की एक बूंद इस बूंद को समेट पाना आसान नहीं था। जिधर भी देखो बस नीला अंतहीन समुद्र और हर वक्त चौतरफा उठती यादों की लहरें। एक लहर को जब तक देखता, सामने से दूसरी आ जाती। स्मृतियों की इस बूंद को कागज पर समेटने के लिए दो दशक का इंतजार किया है मैंने पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है जैसे कल की ही बात हो और 'जै उत्तराखंड-जै भारत' के नारे लग रहे हों।<br/><br/>बचपन में हम जिस तरह से फागुन-चैत के महीनों की कंपकंपाती रातों में हरे पत्तों पर गिरी ओस की बूंदों को सुबह-सुबह अंजुलि में एकत्रित करने की कोशिश करते थे। यह भी लगभग वैसा ही प्रयत्न है। यह कोई इतिहास लेखन नहीं है। बस स्मृतियों को एक साथ लिखने का प्रयासभर है। दिल्ली में इसमें एक पत्रकार व उत्तराखंडी के तौर पर थोड़ी-सी भागीदारी मेरी भी रही है। यह संयोग ही था कि जब पत्रकार के तौर पर बड़े अखबार हिंदी दैनिक जनसत्ता में मेरे पांव जम रहे थे तो यह आंदोलन चरम स्थिति पर पहुंच गया। यह मेरा नैतिक कर्तव्य और जिम्मेदारी भी थी कि मैं इस आंदोलन की रिपोंटिंग करता। यह भी सच्चाई है कि इस आंदोलन को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने में पत्रकारों की भी बड़ी भूमिका रही है। जनसत्ता में मेरे वरिष्ठों का भी मुझे पूरा सहयोग मिला। एक रिपोर्टर के तौर पर काम करते समझा और जो कुछ याद आता रहा उसे हुए जो कुछ देखा. यहां शब्दों की माला में पिरो दिया। मेरे पास उन स्मृतियों की विशाल पोटली थी और समाचारपत्रों की कुछ कतरनें भी थीं। उस आंदोलन से जुड़े मित्रों की स्मृतियों को खंगाला। उसके बाद जो कुछ मिला उसे मैंने यहां एक साथ रख दिया।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Uttarakhand aandolan
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Home library Current library Date acquired Cost, normal purchase price Total checkouts Full call number Barcode Date last seen Price effective from Koha item type
  Not Missing Not Damaged   Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2022-05-19 600.00   UK 954.51035 LAK 168278 2022-05-19 2022-05-19 Books

Powered by Koha