Prashasnik shbdawali (hindi-english, english-hindi) (Record no. 346490)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 04115nam a22001817a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field 0
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20220428231813.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9789382526049
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H 413 DOR
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Doriyal, K.S.
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Prashasnik shbdawali (hindi-english, english-hindi)
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. Delhi
Name of publisher, distributor, etc. Himachal books
Date of publication, distribution, etc. 2021
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 208 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. जिस प्रकार विभिन्न विषयों से संबद्ध शब्द उस विषय विशेष का विवेचन करते समय सामने आते हैं, उसी प्रकार जब हम प्रशासनिक हिंदी की बात करते हैं तो हमारे सामने ऐसी शब्दावली आती है जिसका सीधा संबंध, प्रशासन, सरकारी कामकाज अथवा कार्यालयों में प्रचलित कार्यपद्धति एवं कार्यप्रणाली से होता है। सामान्य बोलचाल की भाषा से प्रशासन की भाषा कुछ अलग होती है। वहीं कभी नियमों की बात होती है तो कभी फार्मों, प्रपत्रों, सहिताओं, विधि अथवा अधिनियमों की कभी संविधान रूप सामने आता है। वहाँ फाइलों पर लिखी जाने वाली टीपों की भाषा होती है, प्रारूपों की भाषा होती है, ज्ञापनों, प्रपत्रों, अधिसूचनाओं और विज्ञप्तियों की भाषा होती है। इन सभी के लिए कुछ विशेष शब्द रूढ़ हो जाते हैं जो निरंतर उसी क्षेत्र में प्रयोग में आते हैं। कहीं मौलिक नियम, कहीं वित्तीय नियम, कहीं अनुशासनिक कार्रवाई, कहीं कार्यालय कार्य-विधि और कहीं आदेश तथा निदेश भाषा के इस विशेष स्वरूप के लिए विभिन्न संकल्पनाओं की सही एवं सटीक अभिव्यक्ति की दिशा में ही हमें शब्दावली की आवश्यकता पड़ती है। यही शब्दावली तकनीकी शब्दावली अथवा पारिभाषिक शब्दावली कहलाती है।<br/><br/>सबसे पहला विकल्प है अंग्रेजी के ऐसे विशेष शब्दों को देवनागरी लिपि में लिख दिया जाए। कुछ शब्दों तक तो यह वात ठीक है और आरंभिक अवस्था में ऐसा किया जा सकता है परंतु असंख्य शब्दों को देवनागरी में लिखकर कब तक प्रयोग में लाया जाता। अतः शब्द-निर्माण का विकल्प अपनाया जाना आवश्यक हो गया। इसके लिए संस्कृत की सहायता ली गई। संस्कृत में शब्द-निर्माण की सामर्थ्य बेजोड़ है। संस्कृत की लगभग 2000 धातुएँ शब्द-निर्माण में सहायक हैं।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Dictionary
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Rawat, Giridhar
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Home library Current library Date acquired Cost, normal purchase price Total checkouts Full call number Barcode Date last seen Price effective from Koha item type
  Not Missing Not Damaged   Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2022-04-28 595.00   H 413 DOR 168153 2022-04-28 2022-04-28 Books

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