Kanpta hua dariya (Record no. 346488)
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fixed length control field | 03895nam a22001937a 4500 |
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
control field | 0 |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
control field | 20220428230946.0 |
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
International Standard Book Number | 9788183619585 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H RAK M |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Rakesh, Mohan |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Kanpta hua dariya |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | Delhi |
Name of publisher, distributor, etc. | Radhakrishna |
Date of publication, distribution, etc. | 2020 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 206 p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | कश्मीर के सौन्दर्य और प्रेम की रूमानी कहानियों से अलग दरिया में घर बनाकर रहनेवाले एक ग़रीब हाँजी परिवार, उसके सुख-दुःख, संवेदनाओं के टकराव और कठोर जीवन संघर्ष पर आधारित मोहन राकेश का यह उपन्यास इस अर्थ में भी अलग है कि यह उनके शहरी मध्यवर्गीय रचना जगत से काफ़ी अलग है।<br/>उपन्यास में मोहन राकेश ने स्वयं 'पूर्वभूमि' के तहत इसकी रचना-प्रक्रिया पर रौशनी डाली है, जिससे हमें पता चलता है कि वे स्वयं इस कहानी से भावनात्मक स्तर पर कितना जुड़े हुए थे। इसे पूरा करने के लिए वे महीनों महीनों कश्मीर में रहे और हाँजी परिवार के साथ हाउसबोट में ही नहीं, बल्कि डूंगों में भी रहकर दरिया का सफ़र करते हुए दूर-दराज के इलाक़ों तक भी गए।<br/><br/>लेकिन फिर भी यह उपन्यास अधूरा ही रहा। राकेश-साहित्य के शोधकर्ता और उनकी साहित्य चेतना के मर्मज्ञ जयदेव तनेजा की पहल पर एक प्रयोग के तौर पर इसे मीरा कांत ने पूरा किया है जो स्वयं भी कश्मीरी पृष्ठभूमि से अच्छी तरह परिचित हैं, और इस कथा की जमीन को पकड़ने के लिए हफ़्तों श्रीनगर में रहकर, हाँजियों, उनके परिवारों और नई-पुरानी पीढ़ियों से मिलती रही हैं।<br/>इस अनूठे कथा-प्रयोग के तहत उपन्यास के पात्रों और कथा-सूत्र का अध्ययन करते हुए उन्हें आगे बढ़ाया गया है। जिस सूझ-बूझ, कल्पनाशीलता और कौशल के साथ उन्होंने इस उपन्यास को एक बहुअर्थगर्भी परिणति तक पहुँचाया है, वह दिलचस्प है। उम्मीद है कि इस प्रयोग के रूप में पाठक एक नया औपन्यासिक आस्वाद पाएँगे। निःसन्देह कश्मीर को समझने में भी यह उपन्यास एक आधार उपलब्ध है, जो आज एक नए मोड़ पर है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Kashmir story |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Kant, Meera |
700 ## - ADDED ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Taneja, Jaidev (ed.) |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price | Total checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Price effective from | Koha item type |
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Not Missing | Not Damaged | Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2022-04-28 | 495.00 | H RAK M | 168170 | 2022-04-28 | 2022-04-28 | Books |