Do desh aur tisari udasi (Record no. 346482)

MARC details
000 -LEADER
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field 0
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20220428181839.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 8185127654
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H BHA M
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Bhalla, Mahendra
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Do desh aur tisari udasi
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. Bikaner
Name of publisher, distributor, etc. Vagdevi
Date of publication, distribution, etc. 1997
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 456 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. बरसों इंग्लैण्ड में रहने के अपने अपमानजनक जीवन से अंततः छुटकारा पा कर दो भारत-पागल क़िस्म के प्रवासी हिन्दुस्तानी, जो कि दोस्त भी हैं (एक अपनी नवविवाहिता पत्नी के साथ और दूसरा सपरिवार), वापस हिन्दुस्तान, घर आते हैं दोनों ही 'किसी भी हालत में इंग्लैण्ड वापस न जाने का तहैय्या करके 'हमेशा के लिए' ।<br/><br/>वापसी पर उन्हें यहाँ आकर कैसा लगता है, दिल्ली और हिन्दुस्तान कैसा लगता है, माँ-बाप, भाई-बहन, दोस्त-यार, मकान, गलियाँ, सड़कें, पेड़-पौधे—अलबत्ता यहाँ का मानो आदमी-आदमी, औरत औरत, बच्चा-बच्चा, पत्ता-पत्ता, जर्रा-जर्रा (जिसे देखने के लिए और एक ख़ास तीव्र ढंग में देखने के लिए वे मजबूर होते हैं) कैसा लगता है और वे अपनी ही तरह पश्चिम में बरसों रहने के बाद घर आकर फिर से बसने आए मगर न बस पा सकने वाले अनेक प्रवासियों की तरह वापस पश्चिम जाते हैं कि नहीं, अपनी सभ्यता को दूसरी सभ्यता के लिए छोड़ पाते हैं कि नहीं, यह कहानी इन्हीं बातों की है।<br/><br/>मगर ये बातें अलग से टुकड़ा टुकड़ा करके बिलकुल नहीं आतीं बल्कि कहानी का अविभाज्य, अटूट और ज़्यादातर मूल अंग बन कर आती हैं। अलबत्ता पालम पर उतरते ही, बल्कि उससे भी पहले, पीछे बहरीन से ही ऐसा घटना क्रम शुरू हो जाता है कि सारे का सारा उपन्यास–जिसमें प्रेम, नफ़रत, खुंदक, अत्याचार, बदसूरती, खोज, कायरता, लगाव, विरोध आदि की अनेक मगर एक दूसरे में और फिर मुख्य कहानी से गुँथी हुई कहानियाँ हैं—किसी जासूसी उपन्यास की तरह ऐसी दिलचस्पी और उत्सुकता-भरा प्रवाह बनाए रखता है कि पाठक उसमें बहता चला जाता है।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Novel
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
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