Himachal ke lok geet (Record no. 346294)

MARC details
000 -LEADER
fixed length control field 04596nam a22001817a 4500
003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field 0
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20220413155121.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
International Standard Book Number 9788123769608
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number HP 782.42162 SHA
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME
Personal name Sharma, Gotam
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Himachal ke lok geet
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC.
Place of publication, distribution, etc. New Delhi
Name of publisher, distributor, etc. National book trust
Date of publication, distribution, etc. 2012
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Extent 388 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc. हिमाचल के जनजातीय व समतलीय जनजीवन के विसंगतियों में अंकुरित-पल्लवित प्रेम की सरस-सरल, मीठी-कड़वी, अनुभूतियों-विरोधों- अवरोधों को आंचलिक भाषा-रूपों में व्याख्या देते लोकप्रिय परंपरित प्रणय लोकगीतों का सुन्दर दस्तावेज 'हिमाचल के लोकगीत', न केवल संकलन, संपादन है बल्कि लेखक के पर्वतीय जनजीवन के लम्बे और भोगे यथार्थ का सृजक-मानस में उभरे शब्द व बिम्बों की सरस, सरल मनभावन व्याख्या है जो पाठक को लोकगीतों के प्रसंगों व संदर्भों से जोड़ता रसानुभूति कराता पहाड़ व पहाड़ के जीवन से जोड़ता है। हिमाचल प्रदेश के अन्तर्गत जिला कांगड़ा के राजमंदिर नेरटी गांव में 15 अगस्त 1938 को जन्में-पले-पढ़े गौतम शर्मा 'व्यथित' दसवीं के बाद जे.बी.टी. कर प्राईमरी स्कूल टीचर बने। सेवाकाल में ही बी.ए., बी.एड. व एम.ए. (हिंदी) कर पीएच-डी. के बाद मार्च 1974 में कॉलेज प्राध्यापक बने और 1996 में एसोसियेट प्रोफैसर पद से सेवानिवृत्त हुए। इनकी अब तक हिंदी, हिमाचली पहाड़ी में कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास, शोध, लोकसंस्कृति-लोकसाहित्य व हास्य-व्यंग्य निबंधावली संबंधी 45 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। नेशनल बुक ट्रस्ट ने इनकी प्रथम पुस्तक हिमाचल प्रदेश लोकसंस्कृति और साहित्य 1980 में प्रकाशित की थी जिसके अंग्रेजी, पंजाबी व उड़िया भाषा-अनुवाद प्रकाशित हुए हैं। वर्ष 2009 में हिमाचली साड़ी एकांकी संग्रह 'पियाणा' भी एन.बी.टी. से प्रकाशित इन्हें हिमाचल भाषा एवं संस्कृति अकादमी की ओर से दो बार (1) लोकसाहित्य और (2) हिमाचली साड़ी गजल संग्रह पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इन्हें हिमाचली भाषा एवं साहित्य में विशेष योगदान हेतु 'साहित्य अकादेमी दिल्ली का वर्ष 2007 का भाषा-सम्मान भी मिला है। अनेक संस्थाओं से सम्मानित वर्ष 1974 से कांगड़ा लोकसाहित्य परिषद (पंजी.) स्वैच्छिक संस्था नेरटी (कांगड़ा-हि.प्र.) के संस्थापक निदेशक के रूप में ग्रामीण निष्पादन कलाओं के प्रति समर्पित
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Songs
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical term or geographic name entry element Himachal
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
Holdings
Withdrawn status Lost status Damaged status Not for loan Home library Current library Date acquired Total checkouts Full call number Barcode Date last seen Koha item type
  Not Missing Not Damaged   Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2022-04-13   HP 782.42162 SHA 172041 2022-04-13 Donated Books

Powered by Koha