Prabandh chintan ka itihaas
Sudha,G.S
Prabandh chintan ka itihaas c.2 - Jaipur R.B.S.A Publishers 1998. - 369p.
इस पुस्तक में प्रबन्ध के प्रमुख विचारकों के दर्शन, चिन्तन एवं अनुसंधान कार्यों का विश्लेषण किया गया है। यह उनकी चिन्तनधाराओं के सार तत्त्व को अनावृत्त करने की दिशा में एक प्रयास है।
8176110221
Management Thoughts
H 658.001 SUD
Prabandh chintan ka itihaas c.2 - Jaipur R.B.S.A Publishers 1998. - 369p.
इस पुस्तक में प्रबन्ध के प्रमुख विचारकों के दर्शन, चिन्तन एवं अनुसंधान कार्यों का विश्लेषण किया गया है। यह उनकी चिन्तनधाराओं के सार तत्त्व को अनावृत्त करने की दिशा में एक प्रयास है।
8176110221
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H 658.001 SUD