Kranti ki barah khadi:Quba ke saksharta abhiyan ki dastan
Kojol,Jonathan
Kranti ki barah khadi:Quba ke saksharta abhiyan ki dastan v.1997 - Delhi Grantha Shilpi 1997 - 203p.
यह पुस्तक क्यूबा के महान साक्षरता अभियान का जीवंत दस्तावेज है । यह अभियान कास्त्रो के उस संकल्प के बाद चलाया गया था जिसमें उन्होंने क्यूबा को एक साल में दुनिया का पहला पूर्ण साक्षर देश बनाने की घोषण की थी।
इस पुस्तक में उस अभियान का रोमांचकारी वर्णन किया गया है कि एक राष्ट्र किस तरह लिखना पढ़ना सीखता है। यहां उस मानवीय साहस का वर्णन है जिसके चलते इस देश के अधिकांश किशोर और उससे भी कम आयु के एक लाख स्कूली बच्चे देश के दूर दराज के इलाकों में इस अभियान को सफल बनाने के लिए गए थे। इन बच्चों के हाथ में एक पुस्तक थी, सोने के लिए एक बिस्तर था, एक लालटेन थी और अपने काम को सार्थक तरीके से अंजाम देने का दृढ़ संकल्प और अपार उत्साह था। लोगों को साक्षर बनाने के साथ-साथ वे लोगों के साथ उनके खेतों पर काम करने और उनके घरों के कामकाज में हाथ बटाने की दृढ़ इच्छा शक्ति लेकर भी निकले थे।
पुस्तक हमें महज 1961 के उस महान साक्षरता अभियान की कहानी नहीं सुनाती जिसे पुस्तक के लेखक ने उन लोगों के मुंह से सुनी थी जो उस अभियान में भागीदार थे, इसमें उस क्रांति की कथा भी सुनाई गई है जिसे अभियान के चलते साकार किया गया था।
यह पुस्तक उन सब के लिए गीता और कुरान है जो अपने मन में अपने देश को पूर्ण साक्षर बनाने का सपना संजोए हुए हैं। यह उनमें संकल्पशक्ति जगाएगी, उन्हें उत्साहित और प्रेरित करेगी।
H 370 KOJ
Kranti ki barah khadi:Quba ke saksharta abhiyan ki dastan v.1997 - Delhi Grantha Shilpi 1997 - 203p.
यह पुस्तक क्यूबा के महान साक्षरता अभियान का जीवंत दस्तावेज है । यह अभियान कास्त्रो के उस संकल्प के बाद चलाया गया था जिसमें उन्होंने क्यूबा को एक साल में दुनिया का पहला पूर्ण साक्षर देश बनाने की घोषण की थी।
इस पुस्तक में उस अभियान का रोमांचकारी वर्णन किया गया है कि एक राष्ट्र किस तरह लिखना पढ़ना सीखता है। यहां उस मानवीय साहस का वर्णन है जिसके चलते इस देश के अधिकांश किशोर और उससे भी कम आयु के एक लाख स्कूली बच्चे देश के दूर दराज के इलाकों में इस अभियान को सफल बनाने के लिए गए थे। इन बच्चों के हाथ में एक पुस्तक थी, सोने के लिए एक बिस्तर था, एक लालटेन थी और अपने काम को सार्थक तरीके से अंजाम देने का दृढ़ संकल्प और अपार उत्साह था। लोगों को साक्षर बनाने के साथ-साथ वे लोगों के साथ उनके खेतों पर काम करने और उनके घरों के कामकाज में हाथ बटाने की दृढ़ इच्छा शक्ति लेकर भी निकले थे।
पुस्तक हमें महज 1961 के उस महान साक्षरता अभियान की कहानी नहीं सुनाती जिसे पुस्तक के लेखक ने उन लोगों के मुंह से सुनी थी जो उस अभियान में भागीदार थे, इसमें उस क्रांति की कथा भी सुनाई गई है जिसे अभियान के चलते साकार किया गया था।
यह पुस्तक उन सब के लिए गीता और कुरान है जो अपने मन में अपने देश को पूर्ण साक्षर बनाने का सपना संजोए हुए हैं। यह उनमें संकल्पशक्ति जगाएगी, उन्हें उत्साहित और प्रेरित करेगी।
H 370 KOJ