Grameen rajnitik abhijan
Singh,Rajendra Kumar
Grameen rajnitik abhijan - New Delhi Classical 1996 - 324 p.
इस अभिजन अवधारणा को इस कृति में निहित करके उच्च-शिक्षा के मानक मूल्यों के आधार पर संरचनात्मक एवं व्यवहारवादी पुस्तक एवं सामान्य अध्ययनों को बल प्रदान किया है। परिवर्तित परिवेश में राजनीतिक गुटबन्दी को राजनीति में आधार मिला है ग्रामीण व्यवस्था भी इससे अछूती नहीं रही है । विगत कुछ वर्षों से भारत की प्रतिनिधि सरकारें ग्रामीण विकास कार्यक्रमों पर बल दे रही है विशेष रूप से श्रीमती गांधी, श्री राजीव गांधी और श्री पी० वी० नरसिंह राव की केन्द्रीय सरकारें इस दिशा में प्रभावशाली सिद्ध हुई है। ग्रामीण व्यवस्था में इस ग्रामीण राजनीतिक अभिजन वर्ग भी एवं ग्रामीण व्यवस्था की विकास प्रक्रिया का व्यवहारिक पक्ष क्या है इस तथ्य पर बल दिया गया है। राजनीतिक दल एवं नौकरशाही प्रजातंत्र को गतिशील बनाने वाली प्रमुख सत्ताएं हैं । ग्रामीण राजनीतिक संरचना में इनकी व्यवहारिक स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। विशेष रूप से अभिजन वर्ग की राजनीतिक सहभागिता पर प्रकाश डाला गया है । इस कृति में वर्तमान ग्रामीण राजनीतिक आधार ग्रामीण विकास परिवर्तित ग्रामीण राजनीतिक आधार, ग्रामीण सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना को परिलक्षित कर इसे आधार प्रदान करने का प्रयास किया गया है। पंचायती राज व्यवस्था एवं ग्रामीण विकास के व्यवहारिक पक्ष को उजागर कर उच्च शिक्षा में पुस्तक अध्ययनों एवं ग्रमीण विकास संरचना एवं बदलते ग्रमीण राजनीतिक परिवेश का ज्ञान प्रदान करने का प्रयास है ।
यह कृति ग्रमीण क्षेत्रीय सर्वेक्षण के माध्यम से विभिन्न उपायों से तैयार की गयी है। आशा है कि बदलती ग्रामीण संरचना एवं उच्च शिक्षा के अध्ययन के लिए यथार्थवादी रूप में आधार स्तम्भ साबित होगी ।
817054239X
H 324.22 SIN
Grameen rajnitik abhijan - New Delhi Classical 1996 - 324 p.
इस अभिजन अवधारणा को इस कृति में निहित करके उच्च-शिक्षा के मानक मूल्यों के आधार पर संरचनात्मक एवं व्यवहारवादी पुस्तक एवं सामान्य अध्ययनों को बल प्रदान किया है। परिवर्तित परिवेश में राजनीतिक गुटबन्दी को राजनीति में आधार मिला है ग्रामीण व्यवस्था भी इससे अछूती नहीं रही है । विगत कुछ वर्षों से भारत की प्रतिनिधि सरकारें ग्रामीण विकास कार्यक्रमों पर बल दे रही है विशेष रूप से श्रीमती गांधी, श्री राजीव गांधी और श्री पी० वी० नरसिंह राव की केन्द्रीय सरकारें इस दिशा में प्रभावशाली सिद्ध हुई है। ग्रामीण व्यवस्था में इस ग्रामीण राजनीतिक अभिजन वर्ग भी एवं ग्रामीण व्यवस्था की विकास प्रक्रिया का व्यवहारिक पक्ष क्या है इस तथ्य पर बल दिया गया है। राजनीतिक दल एवं नौकरशाही प्रजातंत्र को गतिशील बनाने वाली प्रमुख सत्ताएं हैं । ग्रामीण राजनीतिक संरचना में इनकी व्यवहारिक स्थिति पर प्रकाश डाला गया है। विशेष रूप से अभिजन वर्ग की राजनीतिक सहभागिता पर प्रकाश डाला गया है । इस कृति में वर्तमान ग्रामीण राजनीतिक आधार ग्रामीण विकास परिवर्तित ग्रामीण राजनीतिक आधार, ग्रामीण सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना को परिलक्षित कर इसे आधार प्रदान करने का प्रयास किया गया है। पंचायती राज व्यवस्था एवं ग्रामीण विकास के व्यवहारिक पक्ष को उजागर कर उच्च शिक्षा में पुस्तक अध्ययनों एवं ग्रमीण विकास संरचना एवं बदलते ग्रमीण राजनीतिक परिवेश का ज्ञान प्रदान करने का प्रयास है ।
यह कृति ग्रमीण क्षेत्रीय सर्वेक्षण के माध्यम से विभिन्न उपायों से तैयार की गयी है। आशा है कि बदलती ग्रामीण संरचना एवं उच्च शिक्षा के अध्ययन के लिए यथार्थवादी रूप में आधार स्तम्भ साबित होगी ।
817054239X
H 324.22 SIN