Hindi sandarbh kosh
Vashneya, Laxmi Sagar
Hindi sandarbh kosh - Meerut Bhartiya Sahitya Prakashan 1996 - 232 p.
हिन्दी के ख्याति प्राप्त साहित्येतिहास-लेखक, आलोचक और आचार्य डॉ० लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय द्वारा प्रस्तुत 'हिन्दी सन्दर्भ कोश' उनकी अध्ययनशीलता एवं साहित्य सर्जन की अभिनव दिशा की ओर संकेत करता है। हिन्दी साहित्य के सामान्य अध्येता ही नहीं, प्रत्युत मूर्द्धन्य विद्वान् भी हिन्दी के अनेक शब्दों का पूर्ण सन्दर्भ बताते समय कठिनाई का अनुभव करते हैं। हिन्दी के विदेशी छात्र तो और भी अधिक उलझन में पड़ते देखे गए हैं। डॉ० वार्ष्णेय ने अपने दीर्घकालीन अध्ययन-अध्यापन की साधना से प्राप्त अनुभव द्वारा ऐसे शब्दों का संकलन प्रस्तुत कोश में किया है जिनके सन्दर्भों की आवश्यकता हिन्दी साहित्य के विद्वानों को प्रायः पड़ती रहती है। उनके दो वर्ष के अनवरत परिश्रम के फलस्वरूप तैयार किया गया यह कोश, आशा है, पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
H 491.433 HIN
Hindi sandarbh kosh - Meerut Bhartiya Sahitya Prakashan 1996 - 232 p.
हिन्दी के ख्याति प्राप्त साहित्येतिहास-लेखक, आलोचक और आचार्य डॉ० लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय द्वारा प्रस्तुत 'हिन्दी सन्दर्भ कोश' उनकी अध्ययनशीलता एवं साहित्य सर्जन की अभिनव दिशा की ओर संकेत करता है। हिन्दी साहित्य के सामान्य अध्येता ही नहीं, प्रत्युत मूर्द्धन्य विद्वान् भी हिन्दी के अनेक शब्दों का पूर्ण सन्दर्भ बताते समय कठिनाई का अनुभव करते हैं। हिन्दी के विदेशी छात्र तो और भी अधिक उलझन में पड़ते देखे गए हैं। डॉ० वार्ष्णेय ने अपने दीर्घकालीन अध्ययन-अध्यापन की साधना से प्राप्त अनुभव द्वारा ऐसे शब्दों का संकलन प्रस्तुत कोश में किया है जिनके सन्दर्भों की आवश्यकता हिन्दी साहित्य के विद्वानों को प्रायः पड़ती रहती है। उनके दो वर्ष के अनवरत परिश्रम के फलस्वरूप तैयार किया गया यह कोश, आशा है, पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
H 491.433 HIN