Beema sidhantik ewam vyawahar\ by Y. S. Bhandari, Rajiv Jain [and] Ashok Nagar

Bhandari Y.S

Beema sidhantik ewam vyawahar\ by Y. S. Bhandari, Rajiv Jain [and] Ashok Nagar v.1993 - Jaipur, RBSA publication 1993 - 286p.

आधुनिक अर्थ तंत्र के सुचारु रूप से संचालन के संदर्भ में बीमा संस्थाओं का विशिष्ट योगदान होने से बीमें का क्षेत्र व्यापक एवं विस्तृत हो चुका है, अतः इसके प्रभाव में प्रार्थिक क्रियाओं का सफल संचालन असम्भव ही प्रतीत होता है । इस परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत पुस्तक में बीमा के सिद्धान्तों एवं उसके विभिन्न व्यावहारिक पक्षों का गहराई से अध्ययन करने का प्रयास किया गया है । व्यावहारिक पक्ष को स्पष्ट करने के उद्देश्य से पुस्तक में अनेक उदाहरणों, रेखाचित्रों एवं प्रारूपों को सम्मिलित किया गया है पुस्तक की रचना मूलतः विश्व विद्यालयों के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के पाठ्यक्रमों के आधार पर की गई है l

8185813108

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